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NCERT Solutions for Class 2 hindi Chapter 1 – ऊँट चला


Question Answers

Page No 3:

Question 1:

………………………………………​………..​​ कुछ ऊँट ऊँचा

कुछ पूँछ ऊँची

कुछ ऊँचे ऊँट की

पीठ ऊँची

अब जल्दी-जल्दी बोलकर देखो। जीभ लड़खड़ा गई न! कैसी लगी कविता? अब इस कविता को अपने मन से नाम दो। ऊपर दी गई जगह में लिख भी दो।

Answer:

यह कविता हमें बहुत अच्छी लगी। इस कविता का नाम ‘ऊँचा ऊँट’ होना चाहिए।

(नोट: विद्यार्थी इन पंक्तियों को स्वयं मन में दोहराएँ तथा इसका शीर्षक देने का प्रयास करें।)

Question 1:

(क) ऊँट रेगिस्तान में ज़्यादा मिलते हैं। नीचे दो चित्र बने हैं। सही जगह पर ऊँट का चित्र बनाओ।

 

(ख) बालू या रेत कहाँ-कहाँ पर मिलती है।

Answer:

(क) इस प्रकार बनाएँ-

(ख) बालू या रेत समुद्र किनारे या रेगिस्तान में प्राप्त होती है।

Page No 4:

Question 1:

हिलता डुलता ऊँट चला

इतना ऊँचा ऊँट चला

अब बताओ

(क) ऊँट कितना ऊँचा?

तुम्हारी कक्षा की दीवार जितना

हाथी जितना

बिजली के खंभे जितना

……….​ ​जितना

(ख) हाथी कितना मोटा?

तुम्हारी माँ के संदूक जितना

ऊँट जितना

पहाड़ जितना

………. जितना

(ग) चींटी कितनी छोटी?

चीनी के दाने जितनी

चावल के दाने जितनी

इलायची के दाने जितनी

……….
जितनी

Answer:

(क) ऊँट मेरी कक्षा की दीवार जितना ऊँचा होता है।

(ख) हाथी माँ के संदूक जितना मोटा होता है।

(ग) चींटी चीनी के दाने जितनी छोटी होती है।

Question 1:

(क) ऊँट से ऊँची चीज़ों के नाम पर गोला लगाओ।

•    बछिया

•    तुम्हारी कक्षा की छत

•    बिजली का खंभा

•    हाथी

•    आम का पेड़

(ख) ऊँट के नीचे से क्या-क्या निकल सकता है?

(ग)  किन-किन चीज़ों की मदद से ऊँट पर चढ़ोगे?

Answer:

(क) बिजली का खंभा, हाथी तथा आम का पेड़।

(ख) एक छोटा बच्चा, एक बछिया, एक भेड़ या बकरी, कुत्ता और सभी छोटी चीज़ें।

(ग) सीढ़ी, बड़े डिब्बे आदि।

Page No 5:

Question 1:

ऊँची गर्दन, ऊँची पीठ,

पीठ उठाए ऊँट चला

बताओ, ये सब क्या उठाकर चलेंगे।

हाथी 

……………..

…………….

………….

टीचर जी

……………..

…………….

………….

पिताजी

……………..

…………….

………….

शेर

……………..

…………….

………….

दादा जी

……………..

…………….

………….

Answer:

हाथी 

लकड़ी

सवारी

सामान

टीचर जी

बेंत

किताब

कॉपियाँ

पिताजी

बैग

मुझे

सामान

शेर

शिकार

शावक

दादा जी

छड़ी

पोते-पोती को

सामान

 

Question 1:

(क) नीचे कुछ शब्द लिखे हैं। इन्हें बोलकर देखो। अब मिलते-जुलते शब्दों को सही खानों में लिखो।

जूट, सूट, भला, धँस, हँस, तब, कब, गला, आलू, चालू

ऊँट

बालू

फँस

चला

जब

…….जूट……

………………

………………

………………

………………

………………

………………

………………

………………

………………

………………

………………

………………

………………

………………

(ख) ऐसे ही और शब्द सोचकर लिखो।

Answer:

(क)

ऊँट

बालू

फँस

चला

जब

जूट

आलू

धँस

भला ​

कब

सूट

चालू

हँस

गला

तब

 

(ख)

आग

दाम

नग

साग

राम

जग

राग

आम

लग

Page No 6:

Question 1:

(क) कविता में ब से शुरू होने वाले शब्द कौन-कौन से हैं? उनके नीचे रेखा खींचो।

(ख) तुम्हारा नाम किस अक्षर से शुरू होता है? उस अक्षर से चार शब्द और लिखो।

…………………………………

…………………………………

…………………………………

…………………………………

 

Answer:

(क) बालू, बोझ, बैठेगा, बता

(ख) मेरा नाम सुनिता है और यह ‘स’ से शुरू होता है।

सरगम

सरिता

सरोज

सुमेर

(नोट: विद्यार्थी अपने नाम के अनुसार पहले वर्ण से इस प्रकार लिखें।)

Question 1:

बालू है तो होने दो

बोझ ऊँट को ढोने दो

(क) बहुत से जानवरों को बोझा ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। क्या तुम्हें यह ठीक लगता है? क्यों?

(ख) तुम्हारे आसपास कौन-कौन बोझ उठाते हैं?

Answer:

(क) जानवरों से बोझा ढोने का काम करवाना हमें ठीक नहीं लगता। मनुष्य कभी यह नहीं सोचता है कि उसके कारण जानवरों को कितनी परेशानी उठानी पड़ती है। हमें चाहिए कि जानवरों से इस प्रकार के काम न करवाएँ। उन्हें भी हमारी तरह जीने के अधिकार दिए जाएँ।

(ख) गाय, बैल, गधा, खच्चर, घोड़ा, भैंसा इत्यादि हमारे यहाँ बोझ उठाते हैं।

Question 1:

अक्की बक्की

करें तरक्की

…………………..

…………………..

…………………..

…………………..

 

Answer:

अक्की बक्की 

करें तरक्की

इक्की दुक्की

बनें पढ़क्की

(नोटः विद्यार्थी इसे स्वयं आगे बढाएँ।)

Page No 7:

Question 1:

(क) इस कविता में कुल कितनी बार ऊँट शब्द आया है? बिना देखे बताओ।

…………………. बार

(ख) नीचे चित्र में कितने ऊँट छिपे हैं? ध्यान से देखकर बताओ।

Answer:

(क) तेरह बार ऊँट शब्द आया है।

(ख) इस प्रश्न का उत्तर विद्यार्थी स्वयं करें।



summary

प्रस्तुत कविता ‘ऊँट चला’ प्रयाग शुक्ल द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने एक ऊँट के क्रियाकलापों का वर्णन किया है। कवि कहता है कि ऊँचा ऊँट हिलता-डुलता चला जा रहा है। ऊँची गर्दन तथा ऊँची पीठ उठाए ऊँट चल रहा है। ऊँट बोझ लेकर बालू में भी चल सकता है। कवि कहता है कि जब ऊँट थककर बैठेगा तो यह किस करवट बैठेगा, किसी को नहीं मालूम।