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तुम्हें लोग और किन-किन नामों से बुलाते हैं?
प्यार वाला नाम | चिढ़ाने वाला नाम | दोस्तों का दिया नाम |
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प्यार वाला नाम | चिढ़ाने वाला नाम | दोस्तों का दिया नाम |
टिक्कू | कालिया | भोलू |
नोनू | लम्बू | लड्डू |
सोचो और लिखो कि किसी-किसी को नीचे दिए गए नामों से क्यों बुलाया जाता होगा?
गप्पू | ……………………………………. |
भोली | ……………………………………. |
छुटकी | ……………………………………. |
गोलू | ……………………………………. |
गप्पू | गप्प हांकने वाला |
भोली | जो कुछ न बोले, सीधी-सादी |
छुटकी | जो कद में छोटी हो, छोटी लगे |
गोलू | जो मोटा गोल-मटोल हो |
तुम अपना नाम लिखो और बताओ कि तुम्हारे नाम का क्या मतलब है?
मेरा नाम विशाल है। विशाल का अर्थ बड़ा होता है ।
(नोट: इसी तरह हर विद्यार्थी को अपना नाम लिखकर उसका अर्थ लिखना पड़ेगा।)
कक्कू वह जो सदा हँसाए
रोना उसे ज़रा न ………………………….
चिड़िया के संग गाना …………………………..
संग मोर के ……………………………………..
इसीलिए तो कभी-कभी हम …………………………..
कहते उसको …………………………………………..।
कक्कू वह जो सदा हँसाए
रोना उसे ज़रा न आए
चिड़िया के संग गाना गाए
संग मोर के नाचे-गाए
इसीलिए तो कभी-कभी हम
कहते उसको सभी हैं मिष्ठू।
अब बताओ तुम्हारा कौन-सा दोस्त, कौन-सी सहेली
भक्कू है | ……………………………………. |
झक्कू है | ……………………………………. |
गप्पू है | ……………………………………. |
भक्कू है | मधुर, गीत |
झक्कू है | सुरेश, रवि |
गप्पू है | नीरज, गीता |
(नोट: इसी तरह हर विद्यार्थी को अपने दोस्त का नाम लिखना पड़ेगा।)
कक्कू कोयल जैसा क्यों नहीं है? लिखो।
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कोयल मिश्री जैसा मीठा गाती है। उसकी आवाज़ सुनकर सब प्रसन्न हो जाते हैं। कक्कू इसके उल्टा है। वह न तो गाता है, न खुश रहता है, बात-बात पर चिढ़ जाता है। उसके साथ लोग प्रसन्न नहीं रह पाते हैं इसलिए वह कोयल जैसा नहीं है।
पाँच-पाँच बच्चों की टोली बना लो। अब अपनी-अपनी टोलियों के बच्चों के नाम रेल के डिब्बों में लिखो।
वर्णमाला याद है न? चलो, अब इन नामों को वर्णमाला के हिसाब से क्रम में लगाते हैं।
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गीता, मीनू, रमन, राकेश, राजू।
क्या तुम्हें भी कोई चिढ़ाता है? तब तुम्हें कैसा लगता है? कक्षा में चर्चा करो।
हमें जब कोई चिढ़ाता है, तो हमें अच्छा नहीं लगता है। कभी तो हम उसे हँसी में उड़ा देते हैं और कभी बहुत बुरा मान जाते हैं। दिल करता है कि उसे कोई करारा जवाब दे या बहुत मारें। परन्तु अक्सर कुछ नहीं कर पाते। मेरा मानना है कि कभी भी किसी को चिढ़ाना नहीं चाहिए। इससे हम दूसरे को दुखी करते हैं जोकि अच्छी बात नहीं है।
(नोटः अपने मित्रों के साथ इस प्रकार से चर्चा कीजिए।)