Page No 68:
Question 1:
उपयुक्तकथनानां समक्षम् 'आम्', अनुपयुक्तकथनानां समक्षं 'न' इति लिखत-
| (क) विद्या राजसु पूज्यते। | |
| (ख) वाग्भूषणं भूषणं न। | |
| (ग) विद्याधनं सर्वधनेषु प्रधानम्। | |
| (घ) विदेशगमने विद्या बन्धुजनः न भवति।। | |
| (ङ) सर्वं विहाय विद्याधिकारं कुरु। |
Answer:
| (क) विद्या राजसु पूज्यते। | आम् |
| (ख) वाग्भूषणं भूषणं न। | न |
| (ग) विद्याधनं सर्वधनेषु प्रधानम्। | आम् |
| (घ) विदेशगमने विद्या बन्धुजनः न भवति।। | न |
| (ङ) सर्वं विहाय विद्याधिकारं कुरु। | आम् |
Page No 68:
Question 2:
अधोलिखितानां पदानां लिङ्ग, विभक्तिं, वचनञ्च लिखत-
| पदानि | लिङ्गम् | विभक्तिः | वचनम् |
| नरस्य | ............... | ............... | ............... |
| गुरूणाम् | ............... | ............... | ............... |
| केयूराः | ............... | ................. | ............... |
| कीर्तिम् | ............... | ............... | ............... |
| भूषणानि | ............... | ............... | ............... |
Answer:
|
पदानि |
लिङ्गम् |
विभक्ति: |
वचनम् |
|
नरस्य |
पुँल्लिङ्गम् |
षष्ठी |
एकवचनम् |
|
गुरूणाम् |
पुँल्लिङ्गम् |
षष्ठी |
बहुवचनम् |
|
केयूरा: |
पुँल्लिङ्गम् |
प्रथमा |
बहुवचनम् |
|
कीर्तिम् |
स्त्रीलिङ्गम् |
द्वितीया |
एकवचनम् |
|
भूषणानि |
नपुंसकलिङ्गम् |
द्वितीया |
बहुवचनम् |
Page No 69:
Question 3:
श्लोकांशान् योजयत-
| क | ख | |
| विद्या राजसु पूज्यते न हि धनम् | हारा न चन्द्रोज्ज्वलाः। | |
| केयूराः न विभूषयन्ति पुरुषम् | न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि। | |
| न चौरहार्यं न च राजहार्यम् | या संस्कृता धार्यते। | |
| सत्कारायतनं कुलस्य महिमा | विद्या-विहिनः पशुः। | |
| वाण्येका समलङ्करोति पुरुषम् | रत्नैर्विना भूषणम्। |
Answer:
| क | ख | |
| विद्या राजसु पूज्यते न हि धनम् | विद्या-विहिनः पशुः। | |
| केयूराः न विभूषयन्ति पुरुषम् | हारा न चन्द्रोज्ज्वलाः। | |
| न चौरहार्यं न च राजहार्यम् | न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि। | |
| सत्कारायतनं कुलस्य महिमा | रत्नैर्विना भूषणम्। | |
| वाण्येका समलङ्करोति पुरुषम् | या संस्कृता धार्यते। |
Page No 69:
Question 4:
एकपदेन प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(ख) का भोगकरी?
(ग) के पुरुषं न विभूषयन्ति?
(घ) का एका पुरुषं समलङ्करोति?
(ङ) कानि क्षीयन्ते?
Answer:
(ख) विद्या भोगकरी।
(ग) केयूराः पुरुषं न विभूषयन्ति।
(घ) वाणी एका पुरुषं समलङ्करोति।
(ङ) अखिल भूषणानि क्षीयन्ते।
Page No 69:
Question 5:
रेखाङ्कितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) विद्याविहीनः नरः पशुः अस्ति।
(ख) विद्या राजसु पूज्यते।
(ग) चन्द्रोज्ज्वलाः हाराः पुरुषं न अलङ्कुर्वन्ति।
(घ) पिता हिते नियुङ्क्ते?
(ङ) विद्याधनं सर्वप्रधान धनमस्ति।
(च) विद्या दिक्षु कीर्तिं तनोति।
Answer:
(क) विद्याविहीन: क: पशु: अस्ति?
(ख) का राजसु पूज्यते?
(ग) चन्द्रोज्ज्वला: के पुरुषं न अलङ्कुर्वन्ति?
(घ) क: हिते नियुङ्क्ते?
(ङ) विद्याधनं कथं धनमस्ति?
(च) विद्या कुत्र कीर्तिं तनोति?
Page No 70:
Question 6:
पूर्णवाक्येन प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(क) गुरूणां गुरुः का अस्ति?
(ख) कीदृशी वाणी पुरुषं समलङ्करोति?
(ग) व्यये कृते किं वर्धते?
(घ) भाग्यक्षये आश्रयः कः?
Answer:
(क) गुरूणां गुरुः विद्या अस्ति।
(ख) संस्कृता धार्यते वाणी पुरुषं समलङ्करोति।
(ग) व्यये कृते विद्या वर्धते।
(घ) भाग्यक्षये आश्रयः विद्या अस्ति।
Page No 70:
Question 7:
मञ्जूषातः पुँल्लिङ्ग-स्त्रीलिङ्ग-नपुंसकलिङ्गपदानि चित्वा लिखत-
| विद्या | धनम् | संस्कृता | सततम् | कुसुमम् | मूर्धजाः | पशुः | गुरुः | रतिः |
| पुँल्लिङ्गम् | स्त्रीलिङ्गम् | नपुंसकलिङ्गम् |
| यथा- हाराः | अलङ्कता | भूषणम् |
| ................. | ................. | ................. |
| ................. | ................. | ................. |
| ................. | ................. | ................. |
Answer:
| पुँल्लिङ्गम् | स्त्रीलिङ्गम् | नपुंसकलिङ्गम् |
| यथा- हाराः | अलङ्कता | भूषणम् |
| पशुः | विद्या | धनम् |
| गुरुः | संस्कृता | कुसुमम् |
| मूर्धजाः | रतिः | सततम् |