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(क) हर बार भीखूभाई कम दाम देना चाहते थे। क्यों?
(ख) हर जगह नारियल के दाम में फ़र्क क्यों था?
(ग) क्या भीखूभाई को नारियल सच में मुफ़्त में ही मिला? क्यों?
(घ) वे खेत में बूढ़े बरगद के नीचे बैठ गए। तुम्हारे विचार से कहानी में बरगद को बूढ़ा क्यों कहा गया होगा?
(क) हर बार भीखूभाई कम दाम देना चाहते थे क्योंकि वे कंजूस थे।
(ख) हर जगह नारियल के दाम में फ़र्क था। नारियल बिकने के लिए बगीचे से बाहर आता है, तो उसमें अनेक लोगों का मेहनताना जुड़ता जाता है। इस कारणवश नारियल के दाम में फ़र्क आने लगता है।
(ग) भीखूभाई को नारियल मुफ़्त में नहीं मिला उसके लिए उन्हें मेहनत और परेशानी दोनों उठानी पड़ी। इस तरह मेहनताना उसकी कीमत से ज़्यादा ही था।
(घ) बरगद का पेड़ बहुत पुराना पेड़ था इसलिए उसे बूढ़ा कहा गया होगा।
कहानी को पढ़कर तुम भीखूभाई के बारे में काफ़ी कुछ जान गए होगे। भीखूभाई के बारे में कुछ बातें बताओ।
(क) उन्हें खाने-पीने का शौक था। |
(ख) …………………………………………………………………………. |
(ग) …………………………………………………………………………. |
(घ) …………………………………………………………………………. |
(ङ) ………………………………………………………………………… |
(क) उन्हें खाने-पीने का शौक था।
(ख) वह बहुत कंजूस थे।
(ग) वह लालची थे।
(घ) वह बातें करने में चतुर थे।
(ङ) अधिक खुश होने पर होश खो देते थे।
कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, कुछ चीज़ें बढ़ती हैं और कुछ घटती हैं। बताओ इनका क्या हुआ, ये घटे या बढ़े?
नारियल का दाम ……………………………… |
भीखूभाई का लालच …………………………. |
रास्ते की लंबाई ………………………………. |
भीखूभाई की थकान ………………………….. |
नारियल का दाम घटा। |
भीखूभाई का लालच बढ़ा। |
रास्ते की लंबाई बढ़ी। |
भीखूभाई की थकान बढ़ी। |
नाना-नानी पतीली-पतीला
ऊपर दिए गए उदाहरणों की मदद से नीचे दी गई जगह में सही शब्द लिखो।
काका | …………………. | दर्ज़ी | …………………. |
मालिन | …………………. | टोकरी | …………………. |
मटका | …………………. | गद्दा | …………………. |
काका | काकी | दर्ज़ी | दर्ज़िन |
मालिन | माली | टोकरी | टोकरा |
मटका | मटकी | गद्दा | गद्दी |
कहानी में नारियल वाले और भीखूभाई की बातचीत फिर से पढ़ो। अब इसे अपने घर की बोली में लिखो।
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विद्यार्थी इस प्रश्न का उत्तर परिवार के बड़ें लोगों की सहायता से करें।
“मंडी में कोलाहल फैला हुआ था। व्यापारियों की ऊँची-ऊँची आवाज़ें गूँज रही थीं।”
(क) मंडी में क्या-क्या बिक रहा होगा?
(ख) मंडी में तरह-तरह की आवाज़ें सुनाई देती हैं।
जैसे- ताज़ा टमाटर! बीस रूपया! बीस रूपया! बीस रूपया!
मंडी में और कैसी आवाज़ें सुनाई देती हैं?
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(ग) क्या तुम अपने आसपास की ऐसी जगह सोच सकते हो, जहाँ बहुत शोर होता है। उस जगह के बारे में लिखो।
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(क) आलू, प्याज, टमाटर, गाजर, बंदगोभी, फूलगोभी, बैंगन, सीताफल, पालक, लौकी, परवल, शलगम, भिंडी, करेला, टिंडा, मिर्च, लहसुन, अदरक, नींबू, केला, संतरा, अंगूर, सेब, चीकू, पपीता, अमरूद आदि।
(ख) मीठी गाजर ले लो
आलू दस का ढाई
पाँच के पाव अदरक, मिर्ची
एक रूपये गड्डी पालक, मैथी, सरसों आदि।
(ग) मेरे घर के पास हर मंगलवार को बाजार लगता है, वहाँ बहुत शोर होता है। सड़क के दोनों किनारों पर दुकानें लगी होती हैं। दुकान वाले ज़ोर-ज़ोर से बोल-बोलकर ग्राहकों को बुलाते हैं। यह बाजार हर शाम को भी लगता है। लोगों की भीड़ और दुकानदारों की आवाजें सब कुछ मिलाकर बहुत शोर होता है।
(क) ‘मुफ़्त ही मुफ़्त’ गुजरात की लोककथा है। इस लोककथा के चित्रों में ऐसी कौन सी बातें हैं जिनसे तुम यह अंदाज़ा लगा सकते हो?
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(ख) गुजरात में किसी का आदर करने के लिए नाम के साथ बाई, बेन (बहन) जैसे शब्दों का प्रयोग होता है। तेलुगु में नाम के आगे ‘गारू’ और हिंदी में ‘जी’ जोड़ा जाता है।
तुम्हारी कक्षा में भी अलग-अलग भाषा बोलने वाले बच्चे होंगे! पता करो और लिखो कि वे अपनी भाषा में किसी को आदर देने के लिए किन-किन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
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(क) इस चित्रकथा में भीखूभाई का पहनावा, पेड़-पौधे, ऊँट-घोड़े वाले, माली के वस्त्र, लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा तथा नाव के दृश्य इत्यादि से पता लगता है कि यह गुजरात की लोककथा है।
(ख) छात्र इसे स्वयं करें; जैसे–
बहन जी, सर, महाशय, श्रीमान जी, साहब, भाईसाहब, भइया जी, मैडम आदि शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।