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NCERT Solutions for class 6 Hindi chapter 16 – वन के मार्ग में by तुलसीदास


सवैया से

प्रश्न 1.
नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई?
उत्तर-
नगर से बाहर निकलकर दो पग अर्थात थोड़ी दूर चलने के बाद सीता जी के माथे पर पसीने की बूंदें झलकने लगीं। उनके कोमल ओठ सूख गए। वे शीघ्र ही थक गईं।

प्रश्न 2.
‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्नकुटी कहाँ बनाइएगा’-किसने, किससे पूछा और क्यों ?
उत्तर-
‘अब और कितना दूर चलना है, पर्नकुटी कहाँ बनाइएगा’ ये शब्द सीता जी ने श्रीराम से पूछे क्योंकि वे बहुत अधिक थक गई थीं।

प्रश्न 3.
राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की?
उत्तर-
राम ने जब देखा कि सीता थक चुकी हैं, तो वह देर तक बैठकर पैरों से काँटे निकालने का अभिनय करते रहे, जिससे सीता को कुछ देर आराम करने का मौका मिल जाए और उनकी थकान कम हो जाए।

प्रश्न 4.
दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर-
पहले सवैये में वन जाते समय सीता जी की व्याकुलता एवं थकान का वर्णन है। वे अपने गंतव्य के बारे में जानना चाहती हैं। पत्नी सीता की ऐसी बेहाल अवस्था देखकर रामचंद्र जी भी दुखी हो जाते हैं। जब सीता नगर से बाहर कदम रखती हैं तो कुछ दूर जाने के बाद काफ़ी थक जाती हैं। उन्हें पसीना आने लगता है और होंठ सूखने लगते हैं। वे व्याकुलता से श्रीराम से पूछती हैं कि अभी और कितना चलना है तथा पर्णकुटी कहाँ बनाना है? इस तरह सीता जी की व्याकुलता को देखकर श्रीराम की आँखों में आँसू आ जाते हैं। दूसरे सवैये में श्रीराम और सीता की दशा का मार्मिक चित्रण है। इस प्रसंग में श्रीराम व सीता जी के प्रेम को दर्शाते हुए कहा गया है कि कैसे श्रीराम सीता के थक जाने पर अपने पैरों के काँटे निकालते हैं और सीता जी श्रीराम का अपने प्रति प्रेम देखकर पुलकित हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में करो।
उत्तर-
वन का मार्ग अत्यंत कठिन था। यह मार्ग काँटों से भरा था। उस पर बहुत सँभलकर चलना पड़ रहा था। रहने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं था। रास्ते में खाने की वस्तुएँ नहीं थीं। पानी मिलना भी कठिन था। चारों तरफ सुनसान तथा असुरक्षा का वातावरण था।