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NCERT Solutions for Class 5 Hindi पानी रे पानी


Back Exercise

Page No 131:

Question 1:

अपने आस-पास के बड़ों से पूछकर पता लगाओ –

तुम्हारे घर में पानी कहाँ से आता है?

Answer:

हमारे यहाँ दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी उपलब्ध  करवाया जाता है। हमें पाइप लाइनों के माध्यम से पानी मिलता है।

Question 2:

अपने आस-पास के बड़ों से पूछकर पता लगाओ –

तुम्हारे घर का मैला पानी कहाँ जाता है?

Answer:

हमारे घर का मैला पानी नालियों के जरिए गंदे नाले में जाता है।

Question 3:

अपने आस-पास के बड़ों से पूछकर पता लगाओ –

(क) तुम्हारे इलाके में धरती के अंदर का पानी कितने फ़ीट या कितने हाथ नीचे है?

(ख) आज से पंद्रह वर्ष पहले यह पानी कितना नीचा था?

Answer:

(क) हमारे इलाके में धरती के अंदर का पानी 15–20 फीट नीचे है।

(ख) आज से पंद्रह वर्ष पहले यह 10–15 फीट नीचे था।

Question 1:

पाठ के आधार पर बताओ –

अपने घर के नल के पाइप में मोटर लगवाना दूसरों का हक छीनने के बराबर है। लेखक ऐसा क्यों मानते हैं?

Answer:

इसे लेखक दूसरों का हक छीनना इसलिए मानते हैं क्योंकि मोटर लगाने से उस घर में तो  पानी आता है लेकिन अन्य घरों में पानी की कमी हो जाती है। मोटर सभी घरों के पाइपों से पानी खींच लेती है। इससे अन्य घरों में पानी की सप्लाई नहीं पहुँच पाती है।

Question 2:

बड़ी संख्या में इमारतें बनने से बाढ़ और अकाल का खतरा कैसे पैदा होता है?

Answer:

बड़ी संख्या में इमारतें बनाने के लिए मनुष्य ने छोटे-बड़े तालाब, झील आदि को भरना शुरू कर दिया तथा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से भी बाढ़, अकाल आदि का खतरा पैदा हो गया है।

Question 3:

धरती की गुल्लक किन-किन साधनों से भरती है?

Answer:

धरती की गुल्लक नदी, नालों, तालाबों, झीलों इत्यादि साधनों से भरती है।

Question 1:

क्या तुम्हारे इलाके में कभी बाढ़ आई है? यदि हाँ, तो उसके बारे में लिखो।

Answer:

दिल्ली के समीप ही यमुना नदी बहती है। बरसात के दिनों में यहाँ आए दिन बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। एक साल तो इतनी भयंकर बारिश हुई कि यमुना नदी के किनारे बसे स्थानों को हटना पड़ा था। बाढ़ का पानी चारों ओर फैल गया। लोगों के घर बह गए थे। खेती नष्ट हो गई थी। नोयडा से दिल्ली के अंदर आने का मार्ग अवरुद्ध हो गया था।

Question 2:

क्या तुम्हारे घर में पानी कुछ ही घंटों के लिए आता है? यदि हाँ, तो बताओ कि कैसे तुम्हारे परिवार की दिनचर्या नल में पानी आने के साथ बँधी होती है?

Answer:

हमारे यहाँ पानी ढाई घंटे के लिए आता है। उसके आते ही हम सबसे पहले पीने तथा नहाने-धोने का पानी भरकर रख देते हैं। इसके बाद जो समय बचता है हम प्रयास करते हैं कि घर के सदस्य जल्दी-जल्दी नहा ले। माताजी घर की साफ़-सफ़ाई पहले ही कर देती हैं। बस पानी वाला काम पानी के आने पर करती हैं। जैसे- बर्तन धोना और कपड़े धोना।

Question 3:

क्या तुम्हारे मोहल्ले में रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने के लिए लोगों को पानी खरीदना पड़ता है? यदि हाँ, तो बताओ कि तुम्हारे घर में रोज़ औसतन कितने लीटर पानी खरीदा जाता है? इस पर कितना खर्चा होता है?

Answer:

हाँ, हमारे मोहल्ले में कुछ लोग पीने का पानी खरीदते हैं। एक बोतल लगभग 40 रुपये की आती है। इसका महीने का कुल खर्चा 1200 रुपये होता है।

Question 1:

पाठ में पानी के संकट के किस प्रमुख कारण की बात की गई है?

Answer:

पाठ में पानी के संकट के लिए प्रमुख कारणों की बात की गई है; नदी, नालों तथा तालाबों को कूड़े-कचरे से भरने तथा उस पर मकान व इमारतों को बनाना।

Question 2:

पानी के संकट का एक और मुख्य कारण पानी की फ़िज़ूलखर्ची भी है। कक्षा में पाँच-पाँच के समूह में बातचीत करो और बताओ कि अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में पानी की बचत करने के लिए तुम क्या-क्या उपाय कर सकते हो?

Answer:

अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में पानी की बचत के लिए हम कई उपाय कर सकते हैं। जैसे– ज़रूरत के अनुसार ही पानी का प्रयोग करें। कभी नल खुले न छोड़ें। बेकार पानी न बहाए। घरेलू कामों में कम से कम पानी का प्रयोग करें।

Question 3:

जितना उपलब्ध है, उससे कहीं ज़्यादा खर्च करने से पानी का संकट उत्पन्न होता है। क्या यही बात हम बिजली के संकट के बारे में भी कह सकते हैं?

Answer:

हाँ, बिजली का संकट भी पानी के संकट जैसा है। ज़रूरत से अधिक प्रयोग किसी भी चीज़ की कमी का कारण होती है।

Question 1:

पानी की समस्या या बचत से संबंधित पोस्टर और नारे तैयार करो। यह काम तुम चार-चार के समूह में कर सकते हो।

Answer:

(क) जल ही जीवन है।

(ख) पानी की हर बूँद कीमती है।

(ग) पानी की बर्बादी, सबकी बर्बादी।

(घ) जल बचाओ, जीवन बचाओ।

(नोटः हम आपको नारे लिखकर दे रहे हैं। इनका प्रयोग करके ऊपर दिए गए पोस्टर के समान स्वयं पोस्टर बनाने का प्रयास करें।)

Question 2:

“पानी की बर्बादी, सबकी बर्बादी” इस नारे में ‘बर्बादी’ शब्द का एक अर्थ है या दो अलग अर्थ हैं? सोचो।

Answer:

इसमें बर्बादी शब्द के दो अर्थ हैं। पहला पानी का बर्बाद होना, दूसरा इसकी कमी से होने वाली परेशानियाँ।

Question 3:

पानी हमारी ज़िंदगी में महत्वपूर्ण तो है ही, मुहावरों की दुनिया में भी उसकी खास जगह है। पानी से संबंधित कुछ मुहावरे इकट्ठे करो और उनका उचित संदर्भ में प्रयोग करो।

Answer:

(क) पानी-पानी होना– लज्जित होना– मेरा झूठ पकड़े जाने पर मैं सबके सामने पानी पानी हो गया।

(ख) आँख का पानी मरना– बेशर्म होना– आज के बच्चे बड़ों का लिहाज़ नहीं करते हैं। उनकी आँख का तो पानी मर गया है।

(ग) पानी फिरना– नष्ट होना– कल रात खड़ी फसल में आग लग गई। रामलाल किसान की पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर गया।

(घ) मुँह में पानी आना– लालच आ जाना– दावत में पकवानों को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया।

Question 1:

अपने आस-पास के बड़ों से पूछकर पता लगाओ –

तुम्हारे घर में पानी कहाँ से आता है?

Answer:

हमारे यहाँ दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी उपलब्ध  करवाया जाता है। हमें पाइप लाइनों के माध्यम से पानी मिलता है।

Question 2:

अपने आस-पास के बड़ों से पूछकर पता लगाओ –

तुम्हारे घर का मैला पानी कहाँ जाता है?

Answer:

हमारे घर का मैला पानी नालियों के जरिए गंदे नाले में जाता है।

Question 3:

अपने आस-पास के बड़ों से पूछकर पता लगाओ –

(क) तुम्हारे इलाके में धरती के अंदर का पानी कितने फ़ीट या कितने हाथ नीचे है?

(ख) आज से पंद्रह वर्ष पहले यह पानी कितना नीचा था?

Answer:

(क) हमारे इलाके में धरती के अंदर का पानी 15–20 फीट नीचे है।

(ख) आज से पंद्रह वर्ष पहले यह 10–15 फीट नीचे था।

Question 1:

पाठ के आधार पर बताओ –

अपने घर के नल के पाइप में मोटर लगवाना दूसरों का हक छीनने के बराबर है। लेखक ऐसा क्यों मानते हैं?

Answer:

इसे लेखक दूसरों का हक छीनना इसलिए मानते हैं क्योंकि मोटर लगाने से उस घर में तो  पानी आता है लेकिन अन्य घरों में पानी की कमी हो जाती है। मोटर सभी घरों के पाइपों से पानी खींच लेती है। इससे अन्य घरों में पानी की सप्लाई नहीं पहुँच पाती है।

Question 2:

बड़ी संख्या में इमारतें बनने से बाढ़ और अकाल का खतरा कैसे पैदा होता है?

Answer:

बड़ी संख्या में इमारतें बनाने के लिए मनुष्य ने छोटे-बड़े तालाब, झील आदि को भरना शुरू कर दिया तथा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से भी बाढ़, अकाल आदि का खतरा पैदा हो गया है।

Question 3:

धरती की गुल्लक किन-किन साधनों से भरती है?

Answer:

धरती की गुल्लक नदी, नालों, तालाबों, झीलों इत्यादि साधनों से भरती है।

Question 1:

क्या तुम्हारे इलाके में कभी बाढ़ आई है? यदि हाँ, तो उसके बारे में लिखो।

Answer:

दिल्ली के समीप ही यमुना नदी बहती है। बरसात के दिनों में यहाँ आए दिन बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। एक साल तो इतनी भयंकर बारिश हुई कि यमुना नदी के किनारे बसे स्थानों को हटना पड़ा था। बाढ़ का पानी चारों ओर फैल गया। लोगों के घर बह गए थे। खेती नष्ट हो गई थी। नोयडा से दिल्ली के अंदर आने का मार्ग अवरुद्ध हो गया था।

Question 2:

क्या तुम्हारे घर में पानी कुछ ही घंटों के लिए आता है? यदि हाँ, तो बताओ कि कैसे तुम्हारे परिवार की दिनचर्या नल में पानी आने के साथ बँधी होती है?

Answer:

हमारे यहाँ पानी ढाई घंटे के लिए आता है। उसके आते ही हम सबसे पहले पीने तथा नहाने-धोने का पानी भरकर रख देते हैं। इसके बाद जो समय बचता है हम प्रयास करते हैं कि घर के सदस्य जल्दी-जल्दी नहा ले। माताजी घर की साफ़-सफ़ाई पहले ही कर देती हैं। बस पानी वाला काम पानी के आने पर करती हैं। जैसे- बर्तन धोना और कपड़े धोना।

Question 3:

क्या तुम्हारे मोहल्ले में रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने के लिए लोगों को पानी खरीदना पड़ता है? यदि हाँ, तो बताओ कि तुम्हारे घर में रोज़ औसतन कितने लीटर पानी खरीदा जाता है? इस पर कितना खर्चा होता है?

Answer:

हाँ, हमारे मोहल्ले में कुछ लोग पीने का पानी खरीदते हैं। एक बोतल लगभग 40 रुपये की आती है। इसका महीने का कुल खर्चा 1200 रुपये होता है।

Question 1:

पाठ में पानी के संकट के किस प्रमुख कारण की बात की गई है?

Answer:

पाठ में पानी के संकट के लिए प्रमुख कारणों की बात की गई है; नदी, नालों तथा तालाबों को कूड़े-कचरे से भरने तथा उस पर मकान व इमारतों को बनाना।

Question 2:

पानी के संकट का एक और मुख्य कारण पानी की फ़िज़ूलखर्ची भी है। कक्षा में पाँच-पाँच के समूह में बातचीत करो और बताओ कि अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में पानी की बचत करने के लिए तुम क्या-क्या उपाय कर सकते हो?

Answer:

अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में पानी की बचत के लिए हम कई उपाय कर सकते हैं। जैसे– ज़रूरत के अनुसार ही पानी का प्रयोग करें। कभी नल खुले न छोड़ें। बेकार पानी न बहाए। घरेलू कामों में कम से कम पानी का प्रयोग करें।

Question 3:

जितना उपलब्ध है, उससे कहीं ज़्यादा खर्च करने से पानी का संकट उत्पन्न होता है। क्या यही बात हम बिजली के संकट के बारे में भी कह सकते हैं?

Answer:

हाँ, बिजली का संकट भी पानी के संकट जैसा है। ज़रूरत से अधिक प्रयोग किसी भी चीज़ की कमी का कारण होती है।

Question 1:

पानी की समस्या या बचत से संबंधित पोस्टर और नारे तैयार करो। यह काम तुम चार-चार के समूह में कर सकते हो।

Answer:

(क) जल ही जीवन है।

(ख) पानी की हर बूँद कीमती है।

(ग) पानी की बर्बादी, सबकी बर्बादी।

(घ) जल बचाओ, जीवन बचाओ।

(नोटः हम आपको नारे लिखकर दे रहे हैं। इनका प्रयोग करके ऊपर दिए गए पोस्टर के समान स्वयं पोस्टर बनाने का प्रयास करें।)

Question 2:

“पानी की बर्बादी, सबकी बर्बादी” इस नारे में ‘बर्बादी’ शब्द का एक अर्थ है या दो अलग अर्थ हैं? सोचो।

Answer:

इसमें बर्बादी शब्द के दो अर्थ हैं। पहला पानी का बर्बाद होना, दूसरा इसकी कमी से होने वाली परेशानियाँ।

Question 3:

पानी हमारी ज़िंदगी में महत्वपूर्ण तो है ही, मुहावरों की दुनिया में भी उसकी खास जगह है। पानी से संबंधित कुछ मुहावरे इकट्ठे करो और उनका उचित संदर्भ में प्रयोग करो।

Answer:

(क) पानी-पानी होना– लज्जित होना– मेरा झूठ पकड़े जाने पर मैं सबके सामने पानी पानी हो गया।

(ख) आँख का पानी मरना– बेशर्म होना– आज के बच्चे बड़ों का लिहाज़ नहीं करते हैं। उनकी आँख का तो पानी मर गया है।

(ग) पानी फिरना– नष्ट होना– कल रात खड़ी फसल में आग लग गई। रामलाल किसान की पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर गया।

(घ) मुँह में पानी आना– लालच आ जाना– दावत में पकवानों को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया।

summary

पानी हम हर काम में इस्तेमाल करते हैं लेकिन शायद ही कभी इसके बारे में सोचते हैं, जैसे—यह कहाँ से आता है? कहाँ चला जाता है? भूगोल की किताब में जलचक्र के बारे में बताया जाता है। समुद्र से उठी भाष बादल बनकर पानी में बदलती है और फिर वर्षा होती है। वर्षा का जल समुद्र में वापस मिलकर जलचक्र की प्रक्रिया पूरी करता है। हमारे घरों में, स्कूल में, दफ्तरों में, कारखानों आदि में नलों के माध्यम से पानी आता है। और मुसीबत यह है कि इन नलों में अब पूरे समय पानी नहीं आता। कभी देर रात में आता है तो कभी सुबह-सुबह। पानी की आवश्यकता तो सभी को है। अतः लोग नींद की परवाह किए बिना बाल्टियाँ, बर्तन, घड़े आदि लेकर नलों पर इकट्ठे हो जाते हैं। कभी-कभी पानी को लेकर लोगों में आपस में तकरार भी हो जाती है। इन्हीं झगड़ों से बचने के लिए कई घरों में लोग नलों के पाइप में मोटर लगवा लेते हैं। इससे कई घरों का पानी, खींचकर एक ही घर में आ जाता है। और आसपास के घरों का हक छिन जाता है। पानी की दिक्कत से बचने के लिए अब ज्यादातर घर यही करने लगे हैं। परिणामस्वरूप पानी की कमी बढ़ गई है और सबको इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। देश के बड़े-बड़े शहरों में भी लोग पानी की कमी के कारण कष्ट का सामना कर रहे हैं। देश के कई हिस्सों में तो गर्मी में अकाल जैसी स्थिति बन जाती है। और बरसात में कई इलाके बाढ़ में डूब जाते हैं। यह बाढ़ न गाँवों को छोड़ती है न मुंबई जैसे बड़े शहरों को। कुछ दिनों के लिए सब कुछ थम-सा जाता है। इस प्रकार अकाल और बाढ़ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इन्हें ठीक से समझना जरूरी है। तभी हम इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। हम गुल्लक में पैसा जमा करते हैं ताकि इन्हें जरूरत पड़ने पर उपयोग में ला सकें। ठीक उसी प्रकार हम पानी को धरती की गुल्लक में जमा कर सकते हैं। हमारे गाँव में, शहर में जो छोटे-बड़े तालाब, झील आदि हैं वे धरती की गुल्लक में पानी भरने का काम करते हैं। इनमें जमा पानी जमीन के नीचे छिपे जल के भंडार में धीरे-धीरे रिसकर, छनकर जा मिलता है। इससे हमारा भूजल भंडार समृद्ध होता जाता है। पानी का यह खजाना हमें दिखता नहीं, लेकिन इसी खजाने से हम बरसात का मौसम बीत जाने के बाद पूरे साल भर तक अपने उपयोग के लिए घरों में, खेतों में, पाठशाला में पानी निकाल सकते हैं। लेकिन आज परिस्थिति बदल गई है। जमीन के लालच में हम अपने तालाबों को कचरे से पाटकर, भरकर समतल बना देते हैं ताकि उस पर मकान, बाज़ार, स्टेडियम आदि खड़े हो सकें। इसी लालच के कारण हमें पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के दिनों में सूखे नल मिलते हैं और बरसात में डूबी बस्तियाँ। इसीलिए यदि हमें इन समस्याओं से बचना है तो अपने आसपास के जलस्रोतों की, तालाबों की और नदियों आदि की रखवाली अच्छे ढंग से करनी पड़ेगी। हमें जरूरत है जलचक्र ठीक से समझने की, बरसात में उसे थामने की, अपने भूजल भंडार को सुरक्षित रखने की और अपनी गुल्लक भरते रहने की। तभी हम पानी की कमी से उबर पाएंगे।