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NCERT Solutions for class 7 Hindi Vasant chapter 17 – वीर कुवँर सिंह by विभागीय


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निबंध से

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन-कौन-सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?
उत्तर-
वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं ने हमें प्रभावित किया है

प्रश्न 2.
कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?
उत्तर
बचपन में कुंवर सिंह को पढ़ने-लिखने से अधिक घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में मजा आता था। जब वे बड़े होकर स्वतंत्रता सेनानी बने तो इन कार्यों से उन्हें बहुत मदद मिली। तलवार चलाने व तेज घुड़सवारी से ही तो वे कदम-कदम पर अंग्रेजों को मात दे सके।

प्रश्न 3.
सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी-पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए। [Imp.]
उत्तर
कुँवर सिंह की सांप्रदायिक सद्भावना में गहरी आस्था थी। इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता। है कि जिस समय कुँवर सिंह हुए उस समय भारत में हिंदू और मुसलमान दोनों जातियों का समान प्रभुत्व था। वे सभी को समान समझते थे तभी तो उन्होंने सामाजिक कार्यों में पाठशालाएँ व मदरसे समान रूप में बनवाए। उनकी सेना में भी उच्च पदों पर मुसलमान सैनिक इब्राहिम खाँ और किफायत हुसैन आसीन थे।

प्रश्न 4.
पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुँवर सिंह साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?
उत्तर-
वीर कुंवर सिंह जगदीशपुर हार जाने के बाद भी संघर्ष को जारी रखा और अंततः उन्होंने जगदीशपुर पर पुनः अधिकार कर लिया। इतना ही नहीं, वे वीर एवं बहादुर भी थे। उन्होंने गंगा की तेज़ धारा में गोली से जख्मी अपने हाथ को काटने में जरा भी संकोच नहीं किया। वे एक उदार व्यक्ति थे। अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति होने के बाद भी वे निर्धनों की। सहायता से पीछे नहीं हटते थे। उनमें स्वाभिमान कूट-कूट कर भरा था। देशवासियों पर अंग्रेजों के जुर्म और अत्याचार बर्दाश्त नहीं कर सके और वे अंग्रेजों से युद्ध करने के लिए तैयार हो गए।

प्रश्न 5.
आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद फ़रोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं। वीर कुंवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया?
उत्तर
आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद-फ़रोख्त एवं मेल-जोल के लिए होते हैं लेकिन वीर कुंवर सिंह ने सोनपुर के मेले का उपयोग अंग्रेजों के विरूद्ध अपनी गुप्त बैठकों की योजनाओं के लिए किया। सोनपुर के मेले को एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगता था। इसमें हाथियों को क्रय-विक्रय होता था। इसी ऐतिहासिक मेले में स्वाधीनता के लिए लोग एकत्रित होते ताकि अंग्रेजी सरकार को किसी प्रकार का शक न हो।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेनेवाले किन्हीं चार सेनानियों पर दो-दो वाक्य लिखिए।
उत्तर

  1. लक्ष्मीबाई-झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई स्वाधीनता संग्राम की प्रथम वीरांगना थीं। स्वाभिमानिनी, कुशल योद्धा, कुशल प्रशासिका, विदुषी, भगवत गीता को मानने वाली थीं। अंत तक अंग्रेजों से लड़ती रहीं।
  2. ताँत्या टोपे-कुशल सेनापति, स्वाभिमानी, प्रखर देशभक्त, वीर योद्धा व अंग्रेजों से टक्कर लेने वाला था। राष्ट्रीय स्वाधीनता के स्वप्न देखते-देखते फाँसी के फंदे पर झूल गया।
  3. नाना साहेब पेशवा-ईस्ट इंडिया कंपनी अर्थात् अंग्रेजों द्वारा निर्वासित मराठा पेशवा, स्वाभिमानी, कुशल सेनानी, प्रखर योद्धा व पक्के राष्ट्रभक्त थे। ताँत्या टोपे व लक्ष्मीबाई के प्रेरक रहे।
  4. अजीमुल्लाह खान-मौलवी अजीमुल्लाह खान नाना साहेब के विधिवेत्ता, प्रखर देशभक्त, धर्मनिरपेक्ष, वीर योद्धा व प्रखर स्वाधीनता सेनानी थे। अंत में अंग्रेज़ों के हाथों पकड़े गए।

प्रश्न 2.
सन् 1857 के क्रांतिकारियों से संबंधित गीत विभिन्न भाषाओं और बोलियों में गाए जाते हैं। ऐसे कुछ गीतों को संकलित कीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं पुस्तकालय से पुस्तक लेकर कविता खोजकर लिख सकते हैं।