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कभी-कभी ज़िद्दी बन करके
बाढ़ नदी-नालों में लाते
(क) बादल नदी-नालों में बाढ़ कैसे लाते होंगे?
नहीं किसी की सुनते कुछ भी
ढोलक-ढोल बजाते बादल
(ख) बादल ढोल कैसे बजाते होंगे?
कुछ तो लगते हैं तूफ़ानी
कुछ रह-रह करते शैतानी
(ग) बादल कैसी शैतानियाँ करते होंगे?
(क) जब बादल अधिक बारिश करते हैं तो ज़्यादा पानी बरसने के कारण नदी-नालों में पानी अधिक भर जाता है। बादल इस तरह नदी-नालों में बाढ़ लाते होंगे।
(ख) बादलों के बार-बार टकराने से तेज आवाज़ होती है ऐसा लगता है मानों ढोल बज रहा है।
(ग) बादल कभी शान्त दिखाई देते हैं। कभी टकराकर ज़ोर-ज़ोर से गरजते हैं। कभी रिमझिम बारिश करते हैं। कभी तेज़ बारिश से नदी-नालों में बाढ़ ला देते हैं। बादल इसी प्रकार शैतानियाँ करते रहते हैं।
– | कैसा | कौन |
सूरज-सी | चमकीली | थाली |
चंदा-सा | ………………… | ………………… |
हाथी-सा | ………………… | ………………… |
जोकर-सा | ………………… | ………………… |
परियों-सा | ………………… | ………………… |
गुब्बारे-सा | ………………… | ………………… |
ढोलक-सा | ………………… | ………………… |
– | कैसा | कौन |
सूरज-सी | चमकीली | थाली |
चंदा-सा | गोरा | मुखड़ा |
हाथी-सा | भारी-भरकम | आदमी |
जोकर-सा | हँसमुख | स्वभाव |
परियों-सा | सुंदर | पंख |
गुब्बारे-सा | फूला | पेट |
ढोलक-सा | बजता | डिब्बा |
(क) तूफ़ान क्या होता है? बादलों को तूफ़ानी क्यों कहा गया है?
(ख) साल के किन-किन महीनों में ज़्यादा बादल छाते हैं?
(ग) कविता में ‘काले’ बादलों की बात की गई है। क्या बादल सचमुच काले होते हैं।
(घ) कक्षा में बातचीत करो और बताओ की बादल किन-किन रंगों के होते हैं।
(क) जब नमी से युक्त गर्म हवाएँ बारिश के साथ तेज़ी से ऊपर की ओर जाती हैं, तब तूफ़ान की स्थिति बनती है। इसमें तेज़ हवाएँ चलती है, आकाश में गहरे काले बादल छा जाते हैं। उनके मध्य बिजली भी कड़कती है। इससे ही तूफ़ान पैदा होता है इसलिए बादलों को तूफ़ानी कहा गया है।
(ख) जुलाई और अगस्त के महीने में ज़्यादा बादल छाते हैं।
(ग) कुछ बादल काले दिखाई देते हैं, कुछ सफ़ेद और कुछ गहरे स्लेटी रंग के होते हैं। बादल, पानी की भाप से बनी बूंदों से बनते हैं। बादल सचमुच काले नहीं होते।
(घ) बादल काले, गहरे स्लेटी और सफेद रंगों के होते हैं। सूर्य की किरणों के कारण वे सुबह और शाम को लाल और केसरिया रंग के भी दिखाई देते हैं।
(क) तरह-तरह के बादलों के चित्र बनाओ।
काले-काले डरावने |
– |
गुब्बारे-से गालों वाले |
– |
हल्के-फुल्के सुहाने |
– |
(ख) कविता में बादलों को ‘भोला’ कहा गया है। इसके अलावा बादलों के लिए और कौन-कौन से शब्दों का इस्तेमाल किया गया है? नीचे लिखे अधूरे शब्दों को पूरा करो।
म ……………… ज़ि ………………….
शै …………….. तू ………………….
(क) छात्र इसे स्वयं करें। इस प्रकार से चित्र बनाएँ-
काले-काले डरावने |
गुब्बारे-से गालों वाले |
हल्के-फुल्के सुहाने |
(ख) म मतवाले ज़ि ज़िद्दी
शै शैतानी तू तूफ़ानी
कुछ अपने थैलों से चुपके
झर-झर-झर बरसाते पानी
पानी के बरसने की आवाज़ है झर-झर-झर!
पानी बरसने की कुछ और आवाज़ें लिखो।
………………………….. | ………………………….. |
………………………….. | ………………………….. |
………………………….. | ………………………….. |
टप-टप-टप | टिप-टिप-टिप |
रिम-झिम | छम-छम-छम |
छप-छप-छप | चट-चट-चट |
बादलों की तरह पेड़ भी अलग-अलग आकार के होते हैं। कोई बरगद-सा फैला हुआ और कोई नारियल के पेड़ जैसा ऊँचा और सीधा।
अपने आसपास अलग-अलग तरह के पेड़ देखो। तुम्हें उनमें कौन-कौन से आकार दिखाई देते हैं? सब मिलकर पेड़ों पर एक कविता भी तैयार करो।
छात्र ऐसे स्वयं कर सकते हैं-
जैसे –
लम्बा पेड़, छोटा पेड़
पतला पेड़, मोटा पेड़
फल देता, हमें प्यारा पेड़।
ऊँचा पेड़, नीचा पेड़
सूखा पेड़, हरा पेड़
छाया देता, अच्छा पेड़।
प्यारा पेड़, न्यारा पेड़
सबका पेड़, हमारा पेड़
हम सबका है, साथी पेड़।