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नसीरूद्दीन और जमाल साहब बनठन कर घूमने के लिए निकले।
(क) तुम बनठन कर कहाँ-कहाँ जाते हो?
(ख) तुम किस-किस तरह से बनते-ठनते हो?
(क) मैं बनठन कर किसी पार्टी में, विवाह में, रिश्तेदारों के घर और बाज़ार घूमने जाता हूँ।
(ख) मैं स्नान करके नये कपड़े पहनता हूँ। बालों में कंघी करता हूँ। जूते पॉलिश करके ही पहनता हूँ। हाथ में घड़ी बाँधता हूँ। इस प्रकार से मैं बनता-ठनता हूँ।
(क) तीसरे मकान से बाहर निकलकर जमाल साहब ने नसीरूद्दीन से क्या कहा होगा?
(ख) जमाल साहब अपने मामूली से कपड़ों में घूमने क्यों नहीं जाना चाहते होंगे?
(ग) नसीरूद्दीन अपनी अचकन के बारे में हमेशा क्यों बताते होंगे?
(क) जमाल साहब ने अचकन के बारे में कोई भी बात करने के लिए मना किया होगा। उन्होंने कहा होगा, “तुमने उसका ज़िक्र क्यों किया। तुम्हारी बात से उन्हें पता चल गया होगा कि ज़रूर कोई न कोई राज़ है।”
(ख) जमाल साहब को लगता होगा कि यदि वे मामूली से कपड़ों में घूमेंगे, तो लोग उन्हें गरीब समझेंगे। लोग उनके बारे में यह भी सोचेंगे कि गरीब आदमी है इसलिए इसके पास अच्छे कपड़े नहीं हैं। ऐसा भी हो सकता है कि लोग उन्हें नसीरूद्दीन का नौकर ही न समझ लें। अतः जमाल साहब अपने मामूली से कपड़ों में घूमने नहीं जाना चाहते होंगे।
(ग) नसीरूद्दीन मज़ाकिया इंसान थे। वे अपने दोस्त से अपनी अचकन के बारे में अकसर मज़ाक करते होगें। वह दोस्त को यह समझाना चाहते होंगे कि आदमी अपनी पोशाक से नहीं, अपने गुणों से पहचाना जाता है।
कहानी के बारे में कोई पाँच प्रश्न बनाकर नीचे दी गई जगह में लिखो। कॉपी में उनके उत्तर लिखो।
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प्रश्न-1 नसीरूद्दीन किससे मिलकर बहुत खुश हुआ? उत्तर– नसीरूद्दीन अपने पुराने मित्र जमाल साहब से मिलकर बहुत खुश हुआ। |
प्रश्न-2 जमाल साहब ने घूमने जाने से क्यों मना कर दिया? उत्तर– जमाल साहब ने घूमने से मना कर दिया क्योंकि उनकी पोशाक मामूली-सी थी। |
प्रश्न-3 नसीरूद्दीन ने अपने पड़ोसी को जमाल साहब की पोशाक के बारे में क्या बताया? उत्तर– नसरीरूद्दीन ने अपने पड़ोसी से कहा कि जमाल साहब ने मेरी अचकन पहन रखी है। |
प्रश्न-4 नसीरूद्दीन ने हुसैन साहब से क्या कहा? उत्तर– नसीरूद्दीन ने हुसैन साहब से कहा, “जमाल साहब मेरे पुराने मित्र हैं। उन्होंने जो अचकन पहनी है, वो उनकी अपनी है।” |
प्रश्न-5 जमाल साहब ने नसीरूद्दीन को क्या समझाया था? उत्तर– जमाल साहब ने नसीरूद्दीन को समझाया था कि पोशाक के बारे में कुछ न कहना ही अच्छा है। |
जब जमाल साहब और नसीरूद्दीन हुसैन साहब के घर से बाहर निकले तो उन्होंने अपनी बेगम को नसीरूद्दीन और जमाल साहब से मुलाकात का किस्सा सुनाया। उन दोनों के बीच में क्या बातचीत हुई होगी? लिखकर बताओ।
बेगम– कौन आया था?
हुसैन साहब– नसीरूद्दीन अपने दोस्त के साथ आया था।
बेगम– …………………………………………………………..
बेगम– किस दोस्त के साथ?
हुसैन साहब– जमाल नाम का कोई पुराना दोस्त था। लेकिन नसीरूद्दीन कह रहा था कि जमाल ने अपनी ही अचकन पहन रखी है।
बेगम– (हँसती हुई) तब ज़रूर ही वह अचकन उसकी अपनी नहीं होगी।
हुसैन साहब– हाँ-हाँ उसने तो नसीरूद्दीन की ही अचकन पहन रखी थी। यह वही अचकन है, जो नसीरूद्दीन ने पिछले साल अपनी बहन की शादी में पहनी थी।
नसीरूद्दीन ने कहा, “चलो दोस्त, मोहल्ले में घूम आएँ।”
जब नसीरूद्दीन अपने दोस्त से मिले, वे उसे अपना मोहल्ला दिखाने ले गए। जब तुम अपने दोस्तों से मिलते हो, तब क्या-क्या करते हो?
मैं जब अपने दोस्तों से मिलता हूँ तो उनके साथ कार्टून फिल्में देखता हूँ, खूब खाता-पीता और खेलता हूँ।
नसीरूद्दीन की बात सुनकर जमाल साहब पर तो मानो घड़ों पानी पड़ गया।
(क) घड़ों पानी पड़ना एक मुहावरा है। इसका क्या मतलब हो सकता है? पता लगाओ। तुम इसका मतलब पता करने के लिए अपने साथियों या बड़ों से बातचीत कर सकते हो या शब्दकोश देख सकते हो।
(ख) इस मुहावरे को सुनकर मन में एक चित्र सा बनता है। तुम भी किन्हीं दो मुहावरों के बारे में चित्र बनाओ। कुछ मुहावरे हम दे देते हैं। तुम चाहो तो इनमें से कोई पसंद कर सकते हो–
• सिर मुंडाते ही ओले पड़ना
• ऊँट के मुँह में जीरा
• दीया तले अँधेरा
• ईद का चाँद
(क) घड़ों पानी पड़ना- बहुत लज्जित होना।
(ख) | |
ऊँट के मुँह में जीरा | दीया तले अँधेरा |
नसीरूद्दीन एक भड़कीली अचकन निकालकर लाए।
भड़कीली शब्द बता रहा है कि अचकन कैसी थी। कहानी में से ऐसे ही और शब्द छाँटो जो किसी के बारे में कुछ बताते हों। उन्हें छाँटकर नीचे दी गई जगह में लिखो।
देखें, कौन सबसे ज़्यादा ऐसे शब्द ढूँढ पाता है।
पुराना दोस्त | ……………………… | ……………………… |
……………………… | ……………………… | ……………………… |
……………………… | ……………………… | ……………………… |
भड़कीली, पुराना जैसे शब्द किसी के बारे में कुछ खास या विशेष बात बता रहे हैं। इसलिए इन्हें विशेषण कहते हैं।
पुराना दोस्त, मामूली सी पोशाक, खास दोस्त, कई सालों, अन्य पड़ोसी, यह अचकन
पड़ोस के घर मे में जाकर नसीरूद्दीन पड़ोसी से मिले।
तुम अपने पड़ोसी बच्चों के साथ बहुत-से खेल खेलते हो। पर क्या तुम उनके परिवार के बारे में जानते हो?
चलो, दोस्तों के बारे में और जानकारी इकट्ठी करते हैं। यदि तुम चाहो तो उनसे ये बातें पूछ सकते हो-
घर में कुल कितने लोग हैं?
उनके नाम क्या हैं?
उनकी आयु क्या है?
वे क्या काम करते हैं?
इस सूची में तुम अपने मन से बहुत-से सवाल जोड़ सकते हो।
अपने पड़ोसी, मित्रों, परिवारजनों से पूछकर जानकारी इकट्ठी करो।
इन शब्दों को बोलकर देखो। ये मिलती-जुलती आवाज़ वाले शब्द हैं। ज़रा से अंतर से भी शब्द का अर्थ बदल जाता है।
नीचे इसी तरह के कुछ शब्दों के जोड़े दिए गए हैं। इन सबके अर्थ अलग-अलग हैं। इन शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करो।
घड़ा – गढ़ा | घूम – झूम | राज – राज़ |
फ़न – फन | सजा – सज़ा | खोल – खौल |
घड़ा– कुम्हार घड़ा बनाता है।
गढ़ा– सुनार ने हार गढ़ा।
घूम– बूढ़े पार्क में घूम रहे हैं।
झूम– बच्चे पार्क में डान्स करके झूम रहे हैं।
राज– भारत में अग्रेज़ों का राज रहा है।
राज़– घर के राज़ कहीं नहीं बताने चाहिए।
फ़न– जोकर अपने फ़न में महिर होता है।
फन– हमले से पूर्व साँप अपना फन उठता है।
सजा– दीपावली में सारा शहर सजा होता है।
सज़ा– चोरी करने पर सज़ा हो जाती है।
खोल– दुकानदार ने दुकान खोल दी।
खौल– गुस्से के कारण रमन का खून खौल गया।