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(क)लोमड़ी ने कछुए को बचाने का क्या उपाय सोचा?
(ख) तेंदुए ने क्या मूर्खता की?
(ग) तेंदुए की इस मूर्खता से कछुए को क्या फ़ायदा हुआ?
(क) लोमड़ी ने कछुए को बचाने के लिए तेंदुए को यह सुझाव दिया कि वह उसे पानी में फेंक दे। इससे उसकी खाल नरम हो जाएगी और उसे आराम से खाया जा सकेगा।
(ख) तेंदुआ लोमड़ी की बातों में आ गया और उसने हाथ आए कछुए को पानी में फेंक दिया। इससे कछुआ तो बच गया परन्तु तेंदुआ हाथ मलता रह गया।
(ग) तेंदुए की मूर्खता से कछुए की जान बच गई और वह सकुशल अपने घर तालाब में पहुँच गया।
जब तेंदुआ आया तब कछुआ और लोमड़ी गपशप कर रहे थे। सोचो वे क्या बाते कर रहे होंगे? यह तुम अपने दोस्त के साथ मिलकर सोचो।
सोची गई गपशप पर तुम नाटक भी कर सकते हो।
इस प्रश्न का उत्तर सभी विद्यार्थी कक्षा में मिलकर करें।
कछुआ बहुत धीरे-धीरे चलता है। इसलिए जो बहुत धीरे चलता है उसके लिए हम कहते हैं-
वह कछुए की तरह चलता है। |
अब बताओ इनके लिए क्या कहेंगे-
• जो तेज़ भागता हो।
वह ……………… की तरह भागता है।
• जो बहुत अच्छा तैराक हो।
वह ……………… की तरह तैरता है।
• जो तेज़ भागता हो।
वह ….घोड़े… की तरह भागता है।
• जो बहुत अच्छा तैराक हो।
वह ….मछली… की तरह तैरता है।
जब तेंदुए ने कछुए को पकड़ा तब
• वह क्या सोच रहा होगा?
• उसने उस समय किसे याद किया होगा?
• वह सोच रहा होगा कि बुरे फंसे। अब लोमड़ी ही मुझे बचा सकती है।
• उसने उस समय भगवान को या अपनी मित्र लोमड़ी को याद किया होगा।
• बताओ कछुए के खोल जैसी सख्त चीज़ें और क्या हो सकती हैं?
• लोमड़ी ने तेंदुए को कछुए का खोल तोड़ने का आसान तरीका बताया था। क्या तुम नारियल का तोड़ने का तरीका सुझा सकते हो?
• नारियल का बाहरी कवच, अखरोट का बाहरी कवच आदि सख्त चीज़ें हो सकती हैं।
• उसे सही तरह से सिल पर पटकना चाहिए ताकि वह टूट जाए।
एक कछुआ पानी से बाहर निकल आया। तीन कछुए पानी से बाहर निकल आए। |
अब नीचे दिए शब्दों को बदलकर लिखो-
| तीन | …………………. | |
| पंद्रह | …………………. | |
| चार | …………………. | |
| आठ | …………………. | |
| दो | …………………. | |
| दस | …………………. |
| तीन | कपड़े | |
| पंद्रह | रुपए | |
| चार | खंभे | |
| आठ | पौधे | |
| दो | पतीले | |
| दस | संतरे |
बताओ, ऐसे कौन-कौन चलता है?
फुदक-फुदक कर | …………………. | …………………. |
चौकड़ी भरकर | …………………. | …………………. |
छलाँग लगाकर | …………………. | …………………. |
रेंग-रेंग कर | …………………. | …………………. |
फुदक-फुदक कर | कोयल | मैना |
चौकड़ी भरकर | हिरण | गाय का बछड़ा |
छलाँग लगाकर | कंगारू | तेंदुआ |
रेंग-रेंग कर | साँप | केंचुआ |
लोमड़ी ने तेंदुए को बताया था कि पानी में फेंकने से कछुए का खोल मुलायम हो जाएगा।
नीचे लिखी चीज़ों में से कौन-कौन सी चीज़ें पानी में फेंकने से मुलायम हो जाएँगी? सही जगह पर लिखो।
कागज़, लकड़ी, गिलास, रोटी, बिस्किट, प्लेट, पत्ता, मोम, रूई, पापड़ |
मुलायम हो जाएँगी | मुलायम नहीं होंगी |
………………………. | ………………………. |
………………………. | ………………………. |
………………………. | ………………………. |
………………………. | ………………………. |
………………………. | ………………………. |
मुलायम हो जाएँगी | मुलायम नहीं होंगी |
कागज़ | लकड़ी |
रोटी | गिलास |
बिस्किट | प्लेट |
रूई | पत्ता |
पापड़ | मोम |
एक और कहानी
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एक मगरमच्छ था। वह लोमड़ी को खाना चाहता था। पर लोमड़ी थी बहुत चालाक। वह मगरमच्छ की पकड़ी में ही नहीं आती थी। मगरमच्छ ने एक बार कछुए से मदद माँगी। कछुए ने कहा-लोमड़ी हमेशा नदी पर पानी पीने आती है। क्यों न तुम उसे वहीं पकड़ी लो! मगरमच्छ उस दिन नदी पर लोमड़ी का इंतज़ार करता रहा। पूरी रात काट दी। फिर पता चला कि……………………………………………. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………
• कहानी को अपने मन से आगे बढ़ाओ।
• कहानी का अपने मन से कोई नाम रखो।
चतुर लोमड़ी
एक मगरमच्छ था। वह लोमड़ी को खाना चाहता था। पर लोमड़ी थी बहुत चालाक। वह मगरमच्छ की पकड़ी में ही नहीं आती थी। मगरमच्छ ने एक बार कछुए से मदद माँगी। कछुए ने कहा-लोमड़ी हमेशा नदी पर पानी पीने आती है। क्यों न तुम उसे वहीं पकड़ी लो! मगरमच्छ उस दिन नदी पर लोमड़ी का इंतज़ार करता रहा। पूरी रात काट दी। फिर पता चला कि लोमड़ी तो उसके इरादो को पहले से ही भाँप गई थी। अतः वह नदी की दूसरी ओर पानी पीकर चली गई। मगरमच्छ हाथ मलता रह गया । एक दिन लोमड़ी को किसी कारणवश नदी के पार जाना पड़ा। मगरमच्छ इसी अवसर की ताक पर था। उसने जैसे ही लोमड़ी को खाना चाहा, तो लोमड़ी बोली, “तुम मुझे खाना चाहते हो परन्तु मुझे खाओगे, तो तुम्हें बड़ी परेशानी होगी। मुझे खाते समय मेरी पूँछ यदि तुम्हारे गले में फंस गई तो तुम मर जाओगे।” मगरमच्छ यह सुनकर परेशान हुआ और बोला, “अब तुम ही बताओ में क्या करूँ।” लोमड़ी बोली, “तुम मुझे कुछ समय दो मैं अपनी पूँछ कटवाकर तुम्हारे पास आती हूँ।” मगरमच्छ उसकी बातों में आ गया और उसने लोमड़ी को छोड़ दिया। बस फिर क्या था लोमड़ी झट से भाग गई और उससे बोली- “मूर्ख दिमाग तो लगाता यदि मेरी पूँछ कट जाएगी, तो मैं तो वैसे ही मर जाऊँगी।”
किसी तालाब में एक कछुआ रहता था। तालाब के पास माँद में रहने वाली एक लोमड़ी से उसकी दोस्ती हो गई। एक दिन दोनों आपस में बातचीत कर रहे थे कि अचानक एक तेंदुआ वहाँ आएगी। दोनों वहाँ से जान बचाकर भागे। लोमड़ी तो सरपट दौड़ती हुई अपनी माँद में पहुँच गई, किंतु धीमी चाल के कारण कछुआ तालाब तक नहीं पहुँच पाया। तेंदुए ने छलाँग लगाकर कछुए को पकड़ लिया। तेंदुए ने अपने दाँतों तथा नाखूनों से उसे खाना चाहा, किंतु सफल नहीं हो पाया क्योंकि कछुए की खोल बहुत मोटी थी। उसके सख्त खोल पर खरोंच तक नहीं आई। लोमड़ी अपनी माँद से यह सब देख रही थी। उसने कछुए को बचाने की एक तरकीब सोची। उसने तेंदुए से कहा-तेंदुआ जी, कछुए की खोल को तोड़ने का सबसे आसान तरीका यह है कि इसे पानी में फेंक दो। पानी में इसका खोल नरम हो जाएगा। चाहे तो आजमाकर देख लो! तेंदुए ने लोमड़ी की बात मानकर कछुए को पानी में फेंक दिया। इस प्रकार, कछुआ पुनः पानी में पहुँच गया और उसकी जान बच गई।