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दोनों बिल्लियों के बीच झगड़े की जड़ क्या थी?
(क) उनके झगड़े का हल कैसे निकाला गया?
दोनों बिल्लियों के झगड़े की जड़ रोटी का टुकड़ा था। दोनों उस पर अपना हक जता रहीं थीं। बंदर ने तराजू निकाला और समान बँटवारा करते हुए सारी रोटी स्वयं खा ली।
तुम किस-किस के साथ अक्सर झगड़ते हो?
(क) झगड़ते समय तुम क्या-क्या करते हो?
(ख) जब तुम किसी से झगड़ते हो तो तुम्हारा फ़ैसला कौन करवाता है?
अक्सर हम अपने बराबर के भाई-बहनों या दोस्तों के साथ लड़ते हैं।
(क) लड़ते या झगड़ते समय एक दूसरे की चीज़ ले लेते हैं, उन्हें मारते हैं, धक्का दे देते हैं या उनकी शिकायत करते हैं।
(ख) जब हम झगड़ते हैं, तो हमारा फैसला हमारे बड़े लोग करते हैं।
लेह में लोग एक-दूसरे से मिलने पर एक-दूसरे को जूले कहते हैं। मिलने पर दोनों बिल्लियाँ एक-दूसरे को नमस्ते कहती हैं।
(क) तुम इन लोगों से मिलने पर क्या कहती हो?
• तुम्हारी सहेली/दोस्त
• तुम्हारे शिक्षक
• तुम्हारी दादी/नानी
• तुम्हारे बड़े भाई/बहन
(ख) अब पता लगाओ तुम्हारे साथी कक्षा में कितने अलग-अलग तरीकों से नमस्ते कहते हैं?
(क)
• तुम्हारी सहेली/दोस्त– हैलो, हाय, कैसे हो आदि कहते हैं।
• तुम्हारे शिक्षक– नमस्ते या गुडमॉर्निंग सर कहते हैं।
• तुम्हारी दादी/नानी– नमस्ते/ चरण स्पर्श/ राम-राम/ जय श्री कृष्णा कहते हैं।
• तुम्हारे बड़े भाई बहन– नमस्ते/ गुडमॉर्निंग/ हैलो कहते हैं।
(ख) गुडमॉर्निंग, हाय, हैलो, हाय बडी, नमस्ते, इत्यादि कहते हैं।
अगर बंदर बीच में नहीं आता तो तुम्हारी राय में रोटी किस बिल्ली को मिलनी चाहिए थी?
अगर बंदर बीच में न आता तो रोटी काली बिल्ली को ही मिलनी चाहिए थी क्योंकि उसने हिम्मत दिखा कर रोटी उठा ली थी।
बंदर ने बिल्लियों से यह सवाल क्यों पूछा होगा कि उन्होंने रोटी
• एक आँख से देखी थी या दोनों आँखों से?
• एक टाँग से झपटी थी या दोनों टाँगों से?
बंदर दोनों बिल्लियों को मूर्ख बनाकर यह बताना चाहता था कि वह सही न्याय करेगा।
कहानी का शीर्षक बंदर-बाँट क्यों है?
कहानी का शीर्षक बंदर बाँट रखा गया है क्योंकि बंदर दोनों बिल्लियों में रोटी बराबर बाँटने वाले की भूमिका निभाता है। बंदर अपनी चतुराई से रोटी भी खा जाता है और दोनों का भला भी बन जाता है। इस तरह कहानी का मुख्य पात्र वह बन जाता है।
तुम नाटक को क्या नाम देना चाहोगी?
हम नाटक को दो की लड़ाई में तीसरे का फ़ायदा, लड़ाई का फल, बंदर बना जज इत्यादि नाम भी दे सकते हैं।
जो शीर्षक तुमने दिया, उसे सोचने का कारण बताओ।
इस शीर्षक को रखने का कारण यह है कि दो बिल्लियों के झगड़े में बंदर रोटी खा जाता है। बिल्लियाँ यदि आपस में नहीं लड़तीं, तो बंदर को यह मौका नहीं मिल पाता।
बंदर ने रोटी बराबर बाँटने के लिए तराज़ू का इस्तेमाल किया। तराज़ू का इस्तेमाल चीज़ों को तोलने के लिए करते हैं। नीचे दी गई चीज़ों में से किन चीज़ों को तोलकर खरीदा जाता है?
तरबूज़, काशीफल, चावल।
तोलते वक्त एक पलड़े में तोली जाने वाली चीज़ रखी जाती है और दूसरे में तोलने के लिए बाट। बाट किस धातु या चीज़ का बना होता है?
आमतौर पर बाट लोहे का बना होता है। इसके अतिरिक्त सुनार लोग सोने-चाँदी की धातुएँ तोलने के लिए पीतल के छोटे-छोटे बाट इस्तेमाल करते हैं।
बाट तोली जाने वाली चीज़ का वज़न बताता है। वज़न किलोग्राम या ग्राम में बताया जाता है। पता करो बाज़ार में कितने किलोग्राम या ग्राम के बट्टे मिलते हैं। (फलवाले, सब्ज़ीवाले या परचून की दुकान से पता कर सकते हो।)
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1 किलो, 2 किलो, 5 किलो, 500 ग्राम, 250 ग्राम, 100 ग्राम, 50 ग्राम, 20 ग्राम, 10 ग्राम, 10 व 20 किलो व 50 किलो।
बिल्लियों को रोटी की महक आ रही थी।
(क) तुम्हें किन-किन चीज़ों के पकने की महक अच्छी लगती है?
(ख) और किन-किन चीज़ों की महक आती है जो खाने से जुड़ी नहीं हैं। जैसे – साबुन की सुगंध, जूते की पॉलिश की गंध आदि।
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(क) हमें खाने, हलवा, पूड़ी, सब्जी, रोटी, चावल आदि की महक अच्छी लगती है।
(ख) पाउडर, क्रीम की सुगंध, फिनाइल, मिट्टी के तेल की गंध, गैस या पेट्रोल की गंध इत्यादि।
मुझे महक रोटी की आती।
इस वाक्य को इस तरह भी लिख सकते हैं –
मुझे रोटी की महक आती।
तुम भी इसी तरह नीचे दिए वाक्यों के शब्दों को आगे-पीछे करके लिखो–
• उसी खोज में मैं भी निकली।
मैं भी ……………………………………………………………………………………..
• रखी मेज़ पर है वो रोटी।
वो रोटी …………………………………………………………………………………..
• डरती थी उस तक जाने में।
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• मैं ले जाने तुझे न दूँगी।
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• जो पहले देखे हक उसका है रोटी पर।
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• उसी खोज में मैं भी निकली।
मैं भी उसी खोज में निकली।
• रखी मेज़ पर है वो रोटी।
वो रोटी मेज पर रखी है।
• डरती थी उस तक जाने में।
उस तक जाने में डरती थी।
• मैं ले जाने तुझे न दूँगी।
मैं तुझे ले जाने न दूँगी।
• जो पहले देखे हक उसका है रोटी पर।
रोटी पर उसका हक है जो पहले देखे
अगले दिन दोनों बिल्लियों को एक तरबूज़ मिला। दोनों सोचने लगीं, इस तरबूज़ को कैसे बाँटा जाए कि तभी फिर से बंदर आ गया। आगे क्या हुआ होगा?
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अगले दिन तरबूज़ लेकर बिल्लियाँ जा रही थीं तभी बंदर आ गया। वह बोला- ”लाओ बँटवारा कर दूँ।” अब की बार बिल्लियाँ बंदर के झाँसे में नहीं आईं। वे तुरंत बोलीं- ”तुम्हारा न्याय हम देख चुके हैं। तुम जा सकते हो हम अपने आप ही बाँटकर खा लेगीं।” यह कहकर वे चली गईं। बंदर अपना-सा मुँह लेकर रह गया।
कट्टो बिल्ली बगीचे में अपने भाई-बहनों के साथ खेल रही थी। इतने में बंदर ने उसकी तस्वीर खींच ली। तस्वीर देखकर बताओ इनमें से कट्टो बिल्ली कौन-सी है?
(चित्र: दोनों तस्वीर पुस्तक में से देखें)
बीच में एक अकेली बिल्ली खड़ी है, वह कट्टो बिल्ली है।
(चित्र: छात्र चित्र में स्वयं ढूँढने का प्रयास करें।)