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सर्वान् श्लोकान् सस्वरं गायत।
विद्यार्थी इसे स्वयं गाएँ।
श्लोकांशान् योजयत-
| क | ख | |
| तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं | सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः। | |
| गच्छन् पिपीलको याति | जीवने यो न सार्थकः। | |
| प्रियवाक्यप्रदानेन | को भेदः पिककाकयोः। | |
| किं भवेत् तेन पाठेन | योजनानां शतान्यपि। | |
| काकः कृष्णः पिकः कृष्णः | वचने का दरिद्रता। |
| क | ख |
| तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं | वचने का दरिद्रता। |
| गच्छन् पिपीलको याति | योजनानां शतान्यपि। |
| प्रियवाक्यप्रदानेन | सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः। |
| किं भवेत् तेन पाठेन | जीवने यो न सार्थकः। |
| काकः कृष्णः पिकः कृष्णः | को भेदः पिककाकयोः। |
प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(क) सर्वे जन्तवः प्रियवाक्येनप्रदानेन तुष्यन्ति?
(ख) पिककाकयोः भेदः वसंतसमये भवति।
(ग) पिपीलकः गच्छन् योजनानां शातन्यपि याति।
(घ) अस्माभिः प्रियं वक्तव्यम्।
उचितकथनानां समक्षम् 'आम्' अनुचितकथनानां समक्षं- 'न' इति लिखत-
| (क) काकः कृष्णः न भवति। | |
| (ख) अस्माभिः प्रियं वक्तव्यम्। | |
| (ग) वसन्तसमये पिककाकयोः भेदः भवति। | |
| (घ) वैनतेयः पशुः अस्ति। | |
| (ङ) वचने दरिद्रता कर्त्तव्या। |
| (क) काकः कृष्णः न भवति। | न |
| (ख) अस्माभिः प्रियं वक्तव्यम्। | आम् |
| (ग) वसन्तसमये पिककाकयोः भेदः भवति। | आम् |
| (घ) वैनतेयः पशुः अस्ति। | न |
| (ङ) वचने दरिद्रता कर्त्तव्या। | आम् |
मञ्जूषातः समानार्थकानि पदानि चित्वा लिखत-
| ग्रन्थे | कोकिलः | गरुडः | परिश्रमेण | कथने |
| वचने | ..................... | |
| वैनतेयः | ...................... | |
| पुस्तके | ...................... | |
| उद्यमेन | ...................... | |
| पिकः | ...................... |
| वचने | कथने |
| वैनतेयः | गरुडः |
| पुस्तके | ग्रन्थे |
| रवेः | सूर्यस्य |
| पिकः | कोकिलः |
विलोमपदानि योजयत-
| क | ख | |
| सार्थकः | आगच्छति | |
| कृष्णः | श्वेतः | |
| अनुक्तम् | सुप्तस्य | |
| गच्छति | उक्तम् | |
| जागृतस्य | निरर्थकः |
| क | ख | |
| सार्थकः | निरर्थकः | |
| कृष्णः | श्वेतः | |
| अनुक्तम् | उक्तम् | |
| गच्छति | आगच्छति | |
|
जागृतस्य |
सुप्तस्य |