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NCERT Solutions for Class 5 Hindi chapter 8 – वे दिन भी क्या दिन थे


Back Exercise

Page No 65:

Question 1:

कुम्मी के हाथ जो किताब आई थी वह कब छपी होगी?

Answer:

कुम्मी के हाथ जो किताब आई थी वह आज के ज़माने में ही छपी होगी। यह कहानी भविष्य पर आधारित है और हम वर्तमान हैं। अतः किताब आज के समय में छपी होगी।

Question 2:

रोहित ने कहा था, “कितनी पुस्तकें बेकार जाती होंगी। एक बार पढ़ी और फिर बेकार हो गई।” क्या सचमुच में ऐसा होता है?

Answer:

हम यह नहीं मानते हैं। कई बार ऐसा ही होता है कि कुछ पुस्तकें केवल एक बार पढ़कर बेकार हो जाती हैं। उन्हें रद्दी में देना पड़ता है। परन्तु उसमें कुछ ही किताबों के साथ ऐसा होता है। अधिकतर किताबें एक व्यक्ति के बाद अलग-अलग व्यक्तियों के हाथों जाती हैं। वे बेकार नहीं होती हैं। उनके कारण कई लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी व ज्ञान प्राप्त होता है। यदि ऐसा न होता, तो आज पुस्तकालय नहीं बने होते।

Question 3:

कागज के पन्नों की किताब और टेलीविज़न के पर्दे पर चलने वाली किताब। तुम इनमें से किसको पसंद करोगे? क्यों?

Answer:

हम कागज़ के पन्नों की किताब को ही ज़्यादा पंसद करेंगे। इसके पीछे बहुत से कारण हैं। वे इस प्रकार हैं।-

1. कागज़ के पन्ने वाली किताब को हम कहीं भी सरलतापूर्वक उठाकर ले जा सकते हैं। इसके विपरीत टेलीविज़न के पर्दे पर चलने वाली किताब को उठाकर ले जाना कठिन होगा। यदि उठाकर ले जाने की सुविधा भी उपलब्ध हो, फिर भी यह किताब की तुलना में अधिक भारी होगी।

2. कागज़ के पन्ने वाली किताब को कभी भी और कहीं भी पढ़ा जा सकता है। परन्तु टेलीविज़न के पर्दे पर चलने वाली किताब को कहीं नहीं पढ़ा जा सकता है। इसके लिए हर समय बिजली की आवश्यकता होगी। यदि इसे चार्ज भी किया जा सके, तो एक निश्चित समय के लिए ही इसे चलाया जा सकेगा। चार्ज समाप्त होने पर यह बंद हो जाएगी। कागज़ के पन्ने वाली किताब के साथ यह परेशानी नहीं आएगी।

3. कागज़ के पन्ने वाली किताब में आने वाला खर्च एक बार होगा। परन्तु टेलीविज़न के पर्दे पर चलने वाली किताब पर बार-बार बिजली आदि का खर्चा करना पड़ेगा।

4. कागज़ के पन्ने वाली किताब को आवश्यकता अनुसार पढ़ा जा सकेगा। परन्तु बिजली के पर्दे पर चलने वाली किताब को एक बार में ही पूरा पढ़ना पढ़ेगा। अन्यथा उसे दोबारा आरंभ से चलाना पड़ेगा।

Question 4:

तुम कागज़ पर छपी किताबों से पढ़ते हो। पता करो कि कागज़ से पहले की छपाई किस-किस चीज़ पर हुआ करती थी?

Answer:

कागज़ से पहले छपाई भोज पत्रों, छालों, लकड़ी और धातु से बने पत्रों पर होती थी।

Question 5:

तुम मशीन की मदद से पढ़ना चाहोगे या अध्यापक की मदद से? दोनों के पढ़ाने में किस-किस तरह की आसानियाँ और मुश्किलें हैं?

Answer:

1. हमें अध्यापक से पढ़ना ज़्यादा आसान और अच्छा लगेगा क्योंकि वे हमारी मुश्किलों का हल तुरंत ही विस्तारपूर्वक और अलग-अलग तरीके से बता सकते हैं। मशीन से यह ज्ञान मिलना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा। एक अध्यापक सभी विषय नहीं पढ़ा सकते हैं। इसके विपरीत मशीन से सभी विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाएगी। 2. अध्यापक से पढ़ते समय डाँट खाने का डर लगा रहता है। मशीन से पढ़ते समय ऐसा डर नहीं लगेगा। 3. मशीन हमारे नियंत्रण में होगी, हम मशीन के नियंत्रण में नहीं होगें। अध्यापक से पढ़ते समय हमें उनके कहे अनुसार ही कार्य करना पड़ेगा।

Question 1:

बीते दिनों की प्रशंसा में कही जाने वाली यह बात तुमने कभी किस-से सुनी है? अपने बीते हुए दिनों के बारे में सोचो और बताओ कि उनमें से किस समय के बारे में तुम “वे दिन भी क्या दिन थे! ” कहना चाहोगे?

Answer:

इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं दें। 

Question 1:

1967 में हिंदी में छपी इस कहानी में कल्पना की गई है कि सालों बाद स्कूल की जगह मशीनों ले लेंगी। तुम भी कल्पना करो कि बहुत सालों बाद ये चीज़ें कैसी होंगी –

  • पेन
  • घड़ी
  • टेलीफ़ोन/मोबाइल
  • टेलिविज़न
  • कोई और चीज़ जिसके बारे में तुम सोचना चाहो…………..

Answer:

आज विज्ञान की तरक्की से समाज में और हमारे जीवन में काफी बदलाव आ रहे हैं। कुछ सालों बाद विज्ञान की तरक्की से हो सकता है कि जीवन में सुविधाएँ और बढ़ जाएँ। जैसे –

  • पेन – आने वाले समय में हो सकता है कि लिखने के लिए पेन को पकड़ने की ज़रूरत ही न पड़े। पेन अपने-आप हमारी सोच के अनुसार लिखने लगे। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि पेन की ज़रूरत ही न पड़े। सारे काम कम्प्यूटर से ही टाइप करने से हो जाएँ।
  • घड़ी – भविष्य में शायद घड़ियाँ समय बताने के साथ-साथ मोबाइल का काम करे। इसमें अनेक प्रकार की सुविधाएँ प्राप्त हों।
  • टेलीफोन/मोबाइल – टेलीफोन विज्ञान का एक अद्भुत चमत्कार है। आज मोबाइल फोन से हम सिर्फ एक दूसरे से बातें ही कर सकते हैं। आने वाले समय में शायद मोबाइल फोन द्वारा हम किसी को कुछ सामान भी भेज सकें।
  • टेलीविज़न –टेलीविज़न आने वाले समय में कंप्यूटर, मोबाइल, घर की सुरक्षा प्रणाली आदि का भी का करने लगे।
  • आने वाले समय में घर-घर में सौर ऊर्जा का प्रयोग हो। घर के सारे बिजली से चलने वाले उपकरण सौर ऊर्जा से कार्य करें।

Question 2:

नीचे कुछ वस्तुओं के नाम दिए गए हैं। बड़ों से पूछकर पता करो कि बीस साल पहले इनकी क्या कीमत थी और अब इनका कितना दाम है?

आलू

लड्डू

शक्कर

दाल

चावल

दूध

………………………………………………………………………………………………………………. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………

Answer:

वस्तु का नाम

आज उस वस्तु की कीमत

20 साल पहले उस वस्तु की कीमत

आलू

10 रूपए प्रति किलो

2 रूपए प्रति किलो

लड्डू

150 रूपए प्रति किलो

2 रूपए प्रति किलो

शक्कर

40 रूपए प्रति किलो

5 रूपए प्रति किलो

दाल

75 रूपए प्रति किलो

16 रूपए प्रति किलो

चावल

25 रूपए प्रति किलो

5 रूपए प्रति किलो

दूध

39 रूपए प्रति किलो

10 रूपए प्रति किलो

 

Page No 66:

Question 3:

आज हमारे कई काम कंप्यूटर की मदद से होते हैं। सोचो और लिखो कि अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में हम कंप्यूटर का इस्तेमाल किन-किन उद्देश्यों के लिए करते हैं?

व्यक्तिगत

सार्वजनिक

………………………..

………………………..

………………………..

………………………..

………………………..

………………………..

………………………..

………………………..

………………………..

………………………..

Answer:

व्यक्तिगत

सार्वजनिक

फिल्म देखने के लिए

चित्र बनाने के लिए

नई-नई खबरें जानने के लिए

व्यापार का हिसाब-किताब रखने के लिए

किसी विषय पर खोज करने के लिए

ई-मेल भेजने के लिए

 

Question 4:

जानकारी देने या लेने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। हम जो कुछ सोचते या महसूस करते हैं उसे अभिव्यक्त करने या बताने के भी कई ढंग हो सकते हैं। बॉक्स में ऐसे कुछ साधन दिए गए हैं। उनका वर्गीकरण करके नीचे दी गई तालिका में लिखो।

संदेश

अभिनय

रेडियो

नृत्य के हाव-भाव

फ़ोन

विज्ञापन

नोटिस

संकेत-भाषा

चित्र

मोबाइल

टी.वी.

मोबाइल संदेश

फ़ैक्स

इंटरनेट

तार

इश्तहार

जानकारी

भावनाएँ

…………………………………

…………………………………

…………………………………

…………………………………

…………………………………

…………………………………

…………………………………

…………………………………

…………………………………

…………………………………

 

Answer:

लिखी चीज़ें इकतरफ़ा भी हो सकती हैं और दो तरफ़ा भी। जिन चीज़ों के ज़रिए इकतरफ़ा संप्रेषण होता है उनके आगे (®) का निशान लगाओ। दो तरफ़ा संवाद की चीज़ों के आगे («) का निशान लगाओ।

जानकारी

भावनाएँ

रेडियो (®)

अभिनय («)

विज्ञापन (®)

नृत्य के हाव-भाव («)

नोटिस (®)

संकेत-भाषा («)

टी. वी. (®)

संदेश («)

फैक्स (®)

फोन («)

इंटरनेट (®)

मोबाइल («)

इश्तहार (®)

तार («)

चित्र (®)

Page No 67:

Question 1:

  • डायरी लिखना एक निजी काम या शौक है। तुम अपनी डायरी किसी और को पढ़ने को देते हो या नहीं यह तुम्हारी अपनी मर्ज़ी है। कई व्यक्तियों ने अपनी डायरियाँ छपवाई भी हैं, ताकि अन्य लोग उन्हें पढ़ सकें। ऐसी ही कोई डायरी खोजकर पढ़ो और उसका कोई अंश कक्षा में सुनाओ।
  • अपनी डायरी बनाओ और उसमें खुद से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें लिखो।
  • डायरी में तुम अपने स्कूल के बारे में क्या लिखना चाहोगे?

Answer:

  • पहले प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं करें।
  • दूसरे प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं करें।
  • डायरी में हम अपने स्कूल के अध्यापक/अध्यापिकाओं, प्रधानाचार्य, अनुशासन और वहाँ बने सहपाठियों के बारे में लिखना चाहेंगे।

Question 1:

दोस्तों के साथ बात करके अंदाज़ा लगाओ कि 50 साल बाद इनमें क्या-क्या बदल जाएगा-

  • फिल्मों में ……………
  • गाँव की हालत में ………………….
  • तुम्हारी परिचित किसी नदी में ……………
  • स्कूल में ……………

Answer:

  • उत्तर- फिल्मों में- फिल्में बनाना सरल हो जाएगा। सोच के अनुरुप फिल्में बनाई जा सकेंगी। इसमें अत्याधुनिक यंत्रों का उपयोग करके मनचाहे दृश्यों को फिल्माया जाएगा। क्या पता इसमें कलाकारों को साल-सालभर तक काम करने की आवश्यकता  ही नहीं पड़े। उनके स्थान पर कंप्यूटर की सहायता ली जाए। 

 

  • गाँव की- गाँव भी शहरों की तुलना में आधुनिक हो जाएँगे। यहाँ पर भी अत्याधुनिक संचार के माध्यम पहुँच जाएँगे। हर गाँव का अपना बड़ा विद्यालय होगा। हर गाँव शिक्षित होगा। खेती करने के लिए अत्याधुनिक साधन उपलब्ध होगें।

 

  • तुम्हारी परिचित किसी नदी में- नदी में गंदगी का विशाल ढेर होगा। ऐसा भी हो सकता है कि उसका अस्तित्व ही समाप्त हो जाए। वहाँ पर गगनचुंबी इमारतें बन जाए।  

 

  • स्कूल में- स्कूल में ब्लैक बोर्ड और चाक के स्थान पर बड़े-बड़े परदों के माध्यम से समझाया जाए। स्कूलों में वर्दी हटा दी जाए। इमारतों के स्थान पर बच्चों को प्रकृति के मध्य पढ़ाया जाए।

 

(नोट: विद्यार्थी इन प्रश्नों का उत्तर अपने अनुभव पर देने का प्रयाय करें।)

Question 1:

आसीमोव की कहानी 2155 यानी भविष्य में आने वाले समय के बारे में है। फिर भी कहानी में ‘थे’ का इस्तेमाल हुआ है जो बीते समय के बारे में बताता है। ऐसा क्यों है?

Answer:

ऐसा लिखने का कारण है कि कहानी बेशक भविष्य की हो। परन्तु इसमें वर्तमान समय दिखाया गया है। वहाँ के बच्चे आज के समय के बारे में बात कर रहे हैं, जो बीत गया है। इसलिए इसमें बीते समय को दर्शाने वाले क्रिया शब्द ‘थे’ का प्रयोग किया गया है।

Question 2:

(क) ‘जब मुझे बहुत डर लगा था……’ ‘मैं जब छोटा था……’ इस शीर्षक से जुड़े किसी अनुभव का वर्णन करो।

(ख) तुम्हें ‘मैं’ शीर्षक से एक अनुच्छेद लिखना है। अपने स्वभाव, अच्छाइयों, कमियों, पसंद-नापसंद के बारे में सोचो और लिखो। या किसी मैच का आँखों देखा हाल ऐसे लिखो मानो वह अभी तुम्हारी आँखों के सामने हो रहा है।

(ग) अगली छुट्टियों में तुम्हें नानी के पास जाना है। वहाँ तुम क्या-क्या करोगे, कैसे वक़्त बिताओगे-इस पर एक अनुच्छेद लिखा।

तुमने जो तीन अनुच्छेद लिखे उनमें से पहले का संबंध उससे है जो बीत चुका है। दूसरे में अभी की बात है और तीसरे में बाद में घटने वाली घटनाओं का वर्णन है। इन अनुच्छेदों में इस्तेमाल की गई क्रियाओं को ध्यान से देखो। ये बीते हुए, अभी के और बाद के समय के बारे में बताती हैं।

Answer:

(क) ‘जब मुझे बहुत डर लगा था……’ ‘मैं जब छोटा था……’

उस समय की बात है, जब मैं बहुत छोटा था। बारिश का समय था। आकाश में काले बादल छाए हुए थे। मैं बाहर खेल रहा था।  बादलों में गड़गड़ाहट हो रही थी। अचानक उसी समय एक भयंकर गर्जना ने मेरा दिल दहला दिया। उस आवाज़ को सुनकर मैं बहुत डर गया। डर के मारे मैं काँप रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। माँ ने भी वह आवाज़ सुनी थी। वह मुझे देखने घर से निकल आईं। मेरी हालत देखकर माँ भी घबरा गई। माँ मुझे जल्दी घर के अंदर ले गई। माँ ने बताया कि बारिश के दिनों में अकसर बिजली गिरती है। उस दिन के बाद में कभी बारिश में घर से बाहर नहीं निकला।

(ख) मैं एक अच्छा बालक हूँ। मैं सदैव बड़ों का कहना मानता हूँ। सबका आदर करता हूँ। मैं सदैव यह प्रयास करता हूँ कि सबकी सहायता करूँ और किसी को कष्ट न दूँ। समय पर पढ़ाई करता हूँ और अपने मित्रों की सहायता भी करता हूँ। मेरे अंदर भी कुछ कमियाँ हैं। मैं किसी की बात का जल्दी बुरा मान जाता हूँ। मैं कम खाता हूँ और अधिक बोलता हूँ। मुझे पढ़ना और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है। खाने में दाल-चावल और पिज़्ज़ा अच्छा लगता है। दूध मैं रोज़ पीना पसंद करता हूँ। मुझे जिद्द करना पसंद नहीं है।

(ग) मेरी नानी मसूरी में रहती है। मैं आने वाली छुट्टियों में नानी के पास जाऊँगा। मेरी नानी बहुत अच्छी हैं। उन्होंने मुझसे वादा किया है कि वे मुझे सुरकंडा देवी और धनोल्टी लेकर जाएँगी। नानी के साथ मैं मसूरी में प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉण्ड से मिलने भी जाऊँगा। इसके साथ ही मैं मॉल रोड़ में अपने भाई-बहन के साथ खूब मौज-मस्ती करूँगा। वहाँ पर ट्राली भी है, जिस पर में मसूरी की सुंदर वादियों का आनंद लूँगा। वहाँ की सुंदर वादियों के मध्य मैं सुंदर चित्रकारी बनाऊँगा और कविताएँ भी लिखूँगा।

(नोट: विद्यार्थी इन प्रश्नों का उत्तर अपने अनुभव पर देने का प्रयाय करें।)

summary

इस पाठ में भविष्य में होने वाले परिवर्तनों को बड़े ही मजेदार ढंग से बताया गया है। कुम्मी और रोहित नाम के दो बच्चे हैं। कुम्मी ने अपनी डायरी में 17 मई 2155 की रात को लिखा, “आज रोहित को सचमुच की एक पुस्तक मिली है।” पुस्तक पुरानी थी। कुम्मी के दादा ने बताया था कि जब वे बहुत छोटे थे तब उनके दादा ने कहा था कि उनके ज़माने में कहानियाँ कागज पर छपती थीं और पढ़ी जाती थीं। पाठक को पृष्ठ पलटने होते थे। सारे शब्द स्थिर थे, चलते नहीं थे। रोहित ने इस पर कहा कि तब तो पढ़ने के बाद ऐसी पुस्तकें बेकार हो जाती होंगी। इससे तो अच्छा हमारा टेलीविजन है जिसके पर्दे पर बहुत-सी पुस्तकों की सामग्री आ जाती है और फिर भी यह पुस्तक नई की नई रहती है। रोहित को जो सचमुच की पुस्तक मिली है उसमें स्कूल के बारे में काफी दिलचस्प बातें लिखी हैं। अब तो हर विद्यार्थी के घर में एक मशीन होती है जिसमें टेलीविजन की तरह का एक पर्दा होता है। रोज नियम से उसके सामने बैठकर विद्यार्थियों को वह सब याद करना होता है जो वह मशीन हमें बताती है। सारा गृहकार्य करके दूसरे दिन उसी मशीन में डाल देना होता है। हमारी गलतियाँ बताकर फिर वह हमें समझाती है। एक विषय पूरा होने पर वही मशीन हमारी परीक्षा । लेकर हमें आगे पढ़ाना आरंभ कर देती है। कुम्मी ये सारी बातें कहते-कहते थक गई। तभी उसे याद आया कि एक बार जब उससे भूगोल में रोज वही गलतियाँ होने लगीं थीं तो उसकी माँ ने मुहल्ले के अध्यक्ष को बताया था। तब एक आदमी आया था और उसने उस मशीन के पुर्जे-पुर्जे अलग कर दिए। उसके बाद उसने सभी पुर्जी को फिर से जोड़कर उसकी गति कुछ धीमी कर दी, जिससे कुम्मी से गलतियां होना बंद हो गया। रोहित ने कुम्मी को बताया कि पहले मशीन की जगह अध्यापक होते थे जो बच्चों को सारे विषय समझाते थे, गृहकार्य देते थे और प्रश्न पूछते थे। बच्चे एक विशेष भवन में पढ़ते थे, जिसे स्कूल कहते थे। एक आयु के बच्चे एक साथ बैठते थे और एक समय में एक जैसी चीजें सीखते थे। कुम्मी ने भी पुस्तक पढ़ने की इच्छा जाहिर की क्योंकि वह जानना चाहती थी कि तब स्कूल कैसे होते थे। वह पुस्तक पढ़कर स्कूल के बारे में अजीब-अजीब बातें जानने को उत्सुक हो रही थी कि तभी माँ की आवाज कानों में पड़ी और दोनों बच्चे (रोहित और कुम्मी) अपने-अपने घर की ओर चल दिए। सबक का समय हो गया था। कुम्मी जैसे ही घर पहुँची अंदर मशीन आगे का सबक देने को तैयार थी। मशीन से आवाज आनी आरंभ हो गई, “सबसे पहले आज तुम्हें गणित सीखना है। कल का होमवर्क छेद में डालो ……” कुम्मी ने वैसा ही किया। लेकिन उसे इस मशीन से ज्यादा अच्छा पुराने जमाने का स्कूल लगा जहाँ एक आयु के बच्चे एक साथ पढ़ा करते थे, एक साथ हँसते-खेलते थे। वह सोच रही थी कि तब बच्चों को स्कूल जाने में बड़ा मजा आता होगा। बच्चे बहुत खुश रहते होंगे।