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इनमें से बुलबुल कौन है? उसके चित्र के ऊपर गोला लगाओ।
तुमने बुलबुल को कैसे पहचाना?
मैंने बुलबुल को पहचाना …………………………………………………….
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पहला चित्र बुलबुल का है। अतः उस पर गोला लगाओ।
मैंने बुलबुल को उसकी पूँछ से पहचाना। वह आगे से लाल रंग थी तथा पूँछ का आखिरी सिरा सफ़ेद रंग का था। साथ ही उसके सिर को देखा, जो काले रंग का था। इन सब बातों से बुलबुल को पहचानना सरल हो गया ।
(क) सिपाही बुलबुल के सिर पर काले रंग की कलगी होती है। ऐसे कुछ और पक्षियों के नाम सोचो जिनके सिर पर कलगी होती है। बताओ उनकी कलगी का रंग क्या होता है?
पक्षी | कलगी का रंग |
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(ख) कलगी वाली बुलबुल को सिपाही बुलबुल क्यों कहते होंगे?
(ग) पाठ में बुलबुल के बारे में बहुत-सी बातें बताई गई हैं। उनमें से कोई तीन बातें लिखो।
(क)
पक्षी | कलगी का रंग |
मोर | गहरा नीला |
हुदहुद | गहरी पीली और काली धारियाँ |
मुर्गा | लाल |
(ख) सिपाही बुलबुल की गर्दन तथा कान के नीचे लाल रंग के निशान पाए जाते हैं। इसे कवि कुर्बानी तथा बलिदान के प्रतीक स्वरूप लेते हैं इसलिए इन्हें सिपाही बुलबुल कहा जाता है।
(ग) इसमें निम्नलिखित तीन बातें होती हैं-
1. इसकी पूँछ का आखिरी भाग सफ़ेद रंग का होता है।
2. इसके पूँछ का भीतरी भाग लाल रंग का होता है।
3. इसका शरीर भूरा और सिर का रंग काला होता है।
(क) बुलबुल अपना घर घास और जड़ों से बनाती है। तुम्हारा घर किन चीज़ों से बना है? पता करो।
(ख) बुलबुल क्या खाना पसंद करती है? तुम्हें क्या-क्या पसंद है?
(ग) बुलबुल ऊँची आवाज़ में बोलती है।
तुमसे से कौन-कौन ऊँची आवाज़ में बोलता है? कब-कब?
नाम | कब-कब |
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(क) हमारा घर ईंट, बजरी, रोड़ी, सीमेंट, लोहे की मोटी-पतली सलाखों से बनता है।
(ख) बुलबुल खाने में कीड़े, फल आदि खाना पसंद करती है। मुझे गाजर, मटर, गाजर का हलुवा, गोभी के परांठे, पिज़्ज़ा आदि खाना पसंद है।
(ग)
नाम | कब-कब |
तरूण | जब उसकी कोई बात नहीं सुनता, वह तब ऊँची आवाज़ में बोलता है। |
माला | जब उसे कुछ माँगना होता है, तब वह ऊँची आवाज़ में बोलती है। |
श्वेतिका | जब वह गाना गाती है, तो ऊँची आवाज़ में गाती है। |
गोपाल | जब उसे गुस्सा आता है, तब वह ऊँची आवाज़ में बोलता है। |
जावेद | जब उसे कुछ समझ नहीं आता है, तब वह ऊँची आवाज़ में बोलता है। |
(नोट: सभी विद्यार्थी इसे अपने मित्रों तथा भाई-बहनों से बात करके भरें।)
• मैं काली हूँ। मीठा गाना गाती हूँ। | ……………. |
• मैं हरा हूँ। लाला मेरी चोंच है। हरी मिर्च खाता हूँ। | …………….. |
• सूप जैसे कान हैं। मोटे-मोटे पाँव हैं, लंबे-लंबे दाँत हैं। | …………….. |
• सिर पर ताज है। दुम पर पैसा है। बादल देखकर नाचता हूँ। | …………….. |
• घरों में आता हूँ। सारी चीज़ें कुतर जाता हूँ। | …………….. |
• मैं काली हूँ। मीठा गाना गाती हूँ। | कोयल |
• मैं हरा हूँ। लाला मेरी चोंच है। हरी मिर्च खाता हूँ। | तोता |
• सूप जैसे कान हैं। मोटे-मोटे पाँव हैं, लंबे-लंबे दाँत हैं। | हाथी |
• सिर पर ताज है। दुम पर पैसा है। बादल देखकर नाचता हूँ। | मोर |
• घरों में आता हूँ। सारी चीज़ें कुतर जाता हूँ। | चूहा |
बुलबुल या किसी और पक्षी पर कविता लिखो। तुम अपनी सहेलियों या दोस्तों के साथ मिलकर भी कविता लिख सकते हो।
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तोता
टें-टें का शब्द सुना,
झट से बाहर मैं निकला,
देखा पेड़ पर बैठा,
हरे रंग का एक तोता,
लाल चोंच पर मिर्ची थी,
उसके चोंच की जैसी थी,
मेरे मन भाया वो,
पर हाथ नहीं आया वो।
(नोट: इसी तरह विद्यार्थी अपने मित्रों के साथ कविता लिखने का प्रयास करें।)
बुलबुल, तोता, चिड़िया, कबूतर पक्षी कहलाते हैं। नीचे लिखी चीज़ों को क्या कहते हैं? लिखो।
नाम | |
गोभी, आलू, भिंडी | …………………………………………. |
संतरा, केला, सेब | …………………………………………. |
गाय, हाथी, कुत्ता | …………………………………………. |
मूँग, चना, अरहर | …………………………………………. |
नाम | |
गोभी, आलू, भिंडी | सब्ज़ी |
संतरा, केला, सेब | फल |
गाय, हाथी, कुत्ता | जानवर |
मूँग, चना, अरहर | दालें |
प्रस्तुत पाठ में बुलबुल चिड़िया के विषय में जानकरी दी गई है। इसमें बताया गया है कि बुलबुल की पहचान हम कैसे कर सकते हैं। जो चिड़िया काफ़ी तेज़ आवाज़ में बोलती है और उसकी पूँछ के नीचे वाली जगह लाल होती है, तो समझना चाहिए कि वह चिड़िया बुलबुल है। बुलबुल की पूँछ के सिरे का रंग सफेद होता है। उसका बाकी शरीर भूरा और सिर का रंग काला होता है। बुलबुल तेज़ आवाज़ में बोलती है तथा उसे मनुष्य से बिलकुल ही डर नहीं लगता। किसी-किसी बुलबुल के सिर पर काले रंग की कलँगी होती है। उसे ‘सपाही’ बुलबुल कहते हैं। बुलबुल पीपल या बरगद के पेड़ पर कीड़े ढूंढकर खाती है तथा सब्ज़ी और फल भी खाती है। वह अमरूद या मटर के खेत पर हमला भी करती है। बुलबुल अपना घोंसला सूखी हुई घास तथा छोटे पौधों की पतली जड़ों से बनाती है। उसका घोंसला एक सुंदर कटोरे के जैसा दिखता है। बुलबुल एक बार में दो या तीन अंडे देती है। उसके अंडे हल्के गुलाबी रंग के होते हैं। इन अंडों व ध्यान से देखने पर कुछ लाल, कुछ भूरी और कछ बैंगनी बिंदिया दिखाई देती है।